राजसमंद से रिपोर्ट | SEO-अनुकूल लेख (500+ शब्द)
राजस्थान के राजसमंद जिले से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला ने अपने बचपन के प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति की निर्दय हत्या कर डाली। यह पूरा घटनाक्रम किसी फिल्मी कहानी की तरह है, लेकिन हकीकत में यह रिश्तों के टूटते भरोसे और अंधे प्रेम की वीभत्स सच्चाई को उजागर करता है।
घटना कांकरोली थाना क्षेत्र के प्रतापपुरा पुलिया की है, जहां दिनदहाड़े एक व्यक्ति की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई। मृतक की पहचान शेर सिंह के रूप में हुई है, और जांच में सामने आया कि उसकी पत्नी प्रमोद कंवर और उसका प्रेमी राम सिंह हत्या के पीछे मुख्य साजिशकर्ता हैं।
बचपन का प्यार बना खूनी खेल की वजहपुलिस जांच में यह स्पष्ट हुआ कि प्रमोद कंवर और राम सिंह बचपन से एक-दूसरे से प्रेम करते थे। वर्ष 2013 में पारिवारिक दबाव के चलते प्रमोद की शादी शेर सिंह से कर दी गई, लेकिन प्रमोद अपने पुराने प्रेमी को भुला नहीं सकी। शादी के 13 वर्षों के बावजूद वह राम सिंह से लगातार संपर्क में बनी रही और दोनों के बीच संबंध भी बने रहे।
इन अवैध संबंधों के चलते प्रमोद दो बार गर्भवती हुई, लेकिन पति शेर सिंह को जब यह बात पता चली तो उसने गर्भपात करवाया। इस बात को लेकर पति-पत्नी के बीच कई बार झगड़े हुए और शेर सिंह अपनी पत्नी को लेकर केरल तक चला गया, लेकिन वहां भी राम सिंह मिलने आता रहा।
हत्या की खौफनाक साजिश कैसे रची गई?बार-बार के झगड़ों से परेशान होकर आखिरकार प्रमोद और राम सिंह ने मिलकर शेर सिंह को मारने की योजना बना डाली। पहले दो बार हत्या की कोशिश असफल रही, लेकिन तीसरी बार साजिश को अंजाम दे दिया गया।
23 जून को प्रमोद कंवर ने राम सिंह को 38 हजार रुपये खर्च के लिए दिए, और राम सिंह ने दो गुर्गों को 1-1 लाख की सुपारी देकर अपने साथ मिला लिया। इसके लिए एक इको स्पोर्ट्स कार टैक्सी पर ली गई।
हत्या का खौफनाक तरीका24 जून को शेर सिंह जब बाइक से कांकरोली की ओर जा रहा था, तब प्रमोद ने बहाने से उससे लोकेशन पूछी और यह जानकारी राम सिंह को ट्रांसफर कर दी। सुनसान स्थान की तलाश में आरोपी प्रतापपुरा पुलिया पर रुके और पहले शेर सिंह की बाइक को कार से टक्कर मारी। फिर तीनों ने मिलकर धारदार हथियारों से उस पर ताबड़तोड़ वार किए। हमले में शेर सिंह का एक हाथ और गर्दन कटकर अलग हो गई।
पुलिस की तफ्तीश और गिरफ्तारीघटना के बाद पुलिस ने शव को मोर्चरी में रखवाया और जांच शुरू की। आरोपियों की गिरफ्तारी में देरी को लेकर राजपूत समाज ने प्रदर्शन किया और शव का अंतिम संस्कार रोक दिया। उच्च अधिकारियों के आश्वासन के बाद पोस्टमार्टम हुआ और एक विशेष टीम का गठन किया गया।
48 घंटे के भीतर दो सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया और राम सिंह को मध्य प्रदेश से दबोच लिया गया। पूछताछ में जब प्रमोद कंवर को बुलाया गया तो उसने पूरी साजिश कबूल कर ली। सभी आरोपियों को अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। राम सिंह को पुलिस रिमांड पर लेकर उससे हथियार और अन्य साक्ष्यों की बरामदगी की जा रही है।
यह वारदात न सिर्फ रिश्तों की मर्यादा को तार-तार करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि जब विश्वास टूटता है, तो प्रेम भी अपराध की सीमा लांघ जाता है। 13 साल की शादी और एक परिवार होने के बावजूद प्रमोद कंवर ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर ऐसा खौफनाक कदम उठाया, जिसने कई ज़िंदगियों को तबाह कर दिया।
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