इंटरनेट डेस्क। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले और भारत के साथ आगे के संघर्ष की जांच के लिए पाकिस्तान से कहने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि देश में आतंकवादी घटनाओं के पीछे पाकिस्तान का हाथ रहा है। आतंकवाद विरोधी अभियान के तहत अन्य देशों में जाने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के दौरान विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा आप चोर को क्या बोलोगे की जांच कीजिए।
आतंकी घटनाओं का सीधा संबंध पाकिस्तान सेबैठक में कहा गया कि भारत में आतंकी घटनाओं का सीधा या परोक्ष संबंध पाकिस्तान से है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बैठक में कहा कि भारत ने आतंकी ठिकानों से जुड़ी जानकारी, डीएनए सबूत, कॉल डिटेल और अन्य जानकारियां पाकिस्तान को दी थीं, लेकिन पाकिस्तान ने कोई कार्रवाई नहीं की। मिसरी ने यह भी कहा कि पिछले चालीस सालों से भारत आतंकी हमलों से जूझ रहा है, जबकि पाकिस्तान आतंक फैलाने के लिए जिम्मेदार है। विदेश सचिव ने कहा कि भारत आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहा था, जबकि पाकिस्तान आतंकवाद पर ध्यान केंद्रित कर रहा था।
संघर्ष विराम उल्लंघन परविदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन करने और भारत के शहरों पर हमला करने में सबसे पहले पहल की है। उन्होंने तर्क दिया कि यह पाकिस्तान की साजिश थी और भारत के सामने अब एक नया सामान्य है जिससे उन्हें निपटना होगा। ब्रीफिंग के दौरान, विक्रम मिस्री ने कहा कि आतंकवाद से लड़ने के भारत के प्रयासों पर चर्चा करने के लिए जल्द ही एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल यूएई के मंत्री से मुलाकात करेगा।
PC : Swadesh
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