क्राइम न्यूज डेस्क !!! ठाणे की एक अदालत ने मंगलवार को दहेज उत्पीड़न के एक मामले में 11 साल बाद एक पति को दोषी ठहराया और 7 साल कैद की सजा सुनाई। एक अदालत ने 2013 में दहेज उत्पीड़न के कारण अपनी पत्नी को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले 42 वर्षीय व्यक्ति को दोषी ठहराया और सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। आरोपी की पहचान प्रमोद भोईर के रूप में हुई। अतिरिक्त सत्र न्यायालय के न्यायाधीश केआर देशपांडे ने मामले में दोषी ठहराए गए प्रमोद भोईर की मां और एक अन्य महिला रिश्तेदार को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
ठाणे जिले के बेलापुर की एक अदालत ने भोईर पर 7,500 रुपये का जुर्माना भी लगाया है और उसे जुर्माना राशि में से शिकायतकर्ता, पीड़ित के भाई को 6,500 रुपये मुआवजे के रूप में देने का निर्देश दिया है। मामले के एक अन्य आरोपी और भोईर के पिता दत्तात्रेय भोईर की मुकदमे के दौरान मृत्यु हो गई और उनके खिलाफ मामला बंद कर दिया गया।
पीड़िता सुगंधा भोईर (23) को उसकी शादी के बाद उसके पति और उसके माता-पिता सहित भोईर परिवार द्वारा प्रताड़ित किया जाता था। अभियोजन पक्ष ने अदालत को बताया कि उत्पीड़न से तंग आकर उसने 5 नवंबर 2013 को नवी मुंबई स्थित अपने घर में फांसी लगा ली। अदालत ने आरोपी प्रमोद भोईर को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304-बी (दहेज हत्या) और 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत दोषी ठहराया। अतिरिक्त लोक अभियोजक ईबी धमाल ने कहा कि मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष के पांच गवाहों से पूछताछ की गई।
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