मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में सोमवार दोपहर भीषण आग लग गई। आग इतनी भीषण थी कि करीब एक किलोमीटर दूर से धुआं और लपटें देखी जा सकती थीं, जिससे आसपास के इलाके में अफरा-तफरी मच गई। आग मंदिर के शंखद्वार और सीसीटीवी कंट्रोल रूम के ऊपर की छत पर लगी। आग में साइट पर लगा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम पूरी तरह जलकर खाक हो गया। सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की चार गाड़ियां आग पर काबू पाने के लिए तुरंत मौके पर पहुंच गईं। आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया है और अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। महाकाल मंदिर समिति के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर पहुंच गए हैं। आग लगने का कारण क्या था? फायर ब्रिगेड की करीब 20 मिनट की कड़ी मशक्कत के बाद मंदिर में लगी आग पर काबू पा लिया गया। बताया जा रहा है कि आग मंदिर के सीसीटीवी कंट्रोल रूम के ऊपर लगी बैटरी से लगी थी, जो शायद ज्यादा गर्म हो गई थी या खराब हो गई थी। महाकाल मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया, "आग कंट्रोल रूम के ऊपर लगी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का एयर क्वालिटी मैनेजमेंट सिस्टम पूरी तरह से नष्ट हो गया। आग लगने का कारण अभी पता नहीं चल पाया है।" कौशिक के अनुसार, आग कंट्रोल रूम के ऊपर लगी, जहां कई बैटरियां रखी हुई थीं। माना जा रहा है कि इन्हीं बैटरियों से आग लगी, जिससे प्रदूषण बोर्ड का मॉनिटरिंग सिस्टम भी जल गया। हालांकि, आग लगने का सही कारण अभी भी जांच के दायरे में है।
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