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पति का 5 साल पुराना डार्क सीक्रेट पता चला, बीवी ने कर दी कंप्लेंट, जेल जाने ही वाला था कि तभी…

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एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर यानी शादी के बाहर किसी और से संबंध बनाना हमेशा से ही परिवारों और समाज के लिए एक संवेदनशील और हानिकारक मुद्दा रहा है। ऐसे रिश्ते अक्सर पारिवारिक जीवन में तनाव, विवाद और टूट-फूट का कारण बनते हैं। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से हाल ही में एक ऐसा ही अनोखा मामला सामने आया है, जो थोड़ा हटकर और असामान्य है। यहां एक पत्नी ने अपने ही पति की शिकायत पुलिस में की, कि वह एक दूसरी महिला के साथ पांच साल से चक्कर चला रहा है और उस महिला से शादी भी कर चुका है। इस मामले ने न केवल पुलिस को बल्कि समाज को भी हैरान कर दिया।

यह पूरा मामला बिलारी क्षेत्र का है, जहां मुरादाबाद के भदोरा के रहने वाले सौरभ की कहानी कुछ इस तरह है। सौरभ की शादी 13 साल पहले कुंदरकी थाना क्षेत्र के शेखुपुर सराय की रहने वाली एक युवती से हुई थी। शादी के बाद उनका जीवन सामान्य रूप से चल रहा था और उनके दो बच्चे भी थे। लेकिन धीरे-धीरे सौरभ के जीवन में एक नई उलझन आई। उसने बिलारी की एक दूसरी युवती से भी संबंध बना लिए। इतना ही नहीं, उसने अपनी पहली पत्नी के रहते हुए ही उससे शादी कर ली।

यह खबर जैसे ही सौरभ की पहली पत्नी को पता चली, उसका पारा चढ़ गया। घरेलू जिंदगी में विश्वास टूटने की वजह से दोनों पति-पत्नी के बीच जमकर विवाद हुआ। मानसिक और भावनात्मक चोट के कारण दोनों पत्नियों का दिल पसीज गया। इस पूरे तनाव और उलझन के बीच, सौरभ की पहली पत्नी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और अपने पति पर दूसरी महिला से अवैध संबंध और शादी करने का आरोप लगाया।

इस शिकायत के बाद कुंदरकी थाना पुलिस ने सौरभ को गिरफ्तार कर लिया। उसे शांतिभंग की धारा में एसडीएम कोर्ट में पेश किया गया। लेकिन जैसे ही सौरभ को जेल भेजा जाने लगा, यहाँ इस मामले में एक दिलचस्प मोड़ आया। दोनों पत्नियाँ, जो कि एक-दूसरे के लिए प्रतिद्वंद्वी बन गई थीं, अचानक एक साथ कोर्ट पहुंचीं और पति को जेल भेजने से रोकने की गुहार लगाई। उन्होंने बताया कि वे अपने बच्चों के लिए यह कदम उठा रही हैं और वे तीनों मिलकर एक परिवार की तरह रहना चाहती हैं।

यह बात सुनकर कोर्ट ने भी सौरभ को जमानत दे दी। इसके बाद दोनों पत्नियों ने सहमति जताई कि वे पति के साथ साथ एक छत के नीचे रहेंगी और बच्चों की परवरिश मिलकर करेंगी। सौरभ और दोनों पत्नियाँ फिर से साथ घर लौट गए। इस घटना ने न केवल इस क्षेत्र में चर्चा का विषय बनाया बल्कि समाज में भी एक नई बहस छेड़ दी कि क्या पारंपरिक परिवारों के अलावा ऐसे संयुक्त परिवारों की सहमति भी सामाजिक व्यवस्था का हिस्सा बन सकती है।

यह मामला बताता है कि पारिवारिक रिश्ते कभी-कभी बहुत जटिल और पेचीदा हो जाते हैं। जहां एक ओर पारंपरिक समाज में एक पति और एक पत्नी का रिश्ता माना जाता है, वहीं कभी-कभी परिस्थितियाँ ऐसी होती हैं जहां रिश्तों में नई परतें जुड़ जाती हैं। सौरभ के मामले में, दोनों पत्नियाँ बच्चों की भलाई के लिए एक साथ रहने का फैसला करती हैं, जो कि एक अनूठा और असामान्य कदम है।

हालांकि यह मामला कानून और समाज के दृष्टिकोण से विवादास्पद हो सकता है, लेकिन यह भी सच है कि इसमें परिवार की बचाने की भावना, बच्चों की परवरिश और सहिष्णुता की झलक मिलती है। इसके साथ ही यह घटना समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि पारिवारिक संरचना के कितने रूप हो सकते हैं और किस हद तक हमें बदलाव और सहिष्णुता को अपनाना चाहिए।

उत्तर प्रदेश में इस प्रकार के मामले न केवल मीडिया की सुर्खियाँ बनते हैं बल्कि वे सामाजिक और नैतिक बहसों को भी जन्म देते हैं। यह कहानी हमें याद दिलाती है कि जीवन में रिश्तों को निभाने के लिए समझदारी, संवाद और सहमति सबसे जरूरी हैं। जब तक परिवार के सदस्य एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करते हैं, तब तक रिश्ते सफल और मजबूत बने रह सकते हैं।

इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन और समाज को भी चाहिए कि वे परिवारों को बेहतर समझ और समर्थन दें ताकि इस तरह के मामलों में सुधार हो सके। साथ ही, एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर जैसी समस्याओं को सुलझाने के लिए जागरूकता, काउंसलिंग और संवाद का सहारा लिया जाना चाहिए ताकि परिवार टूटने से बच सके और बच्चों का भविष्य सुरक्षित रह सके।

अंततः यह कहानी एक नए तरीके के परिवार की झलक प्रस्तुत करती है, जहाँ परंपरागत नियमों को थोड़ा लचीला बनाकर और एक-दूसरे की भावनाओं को समझकर एक परिवार के रूप में रहना चुना गया है। यह एक सीख है कि जीवन में रिश्तों को निभाने के लिए केवल नियम नहीं, बल्कि प्यार, समझदारी और सहिष्णुता की भी जरूरत होती है।

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