उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का ऐतिहासिक चारबाग रेलवे स्टेशन अपने सौ साल पूरे कर चुका है। इस खास अवसर को स्वतंत्रता दिवस के दिन और भी यादगार बनाने के लिए एक भव्य चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी में स्टेशन के सौ सालों के गौरवमयी इतिहास, स्थापत्य कला और विकास की यात्रा को तस्वीरों के माध्यम से दिखाया गया।
चारबाग रेलवे स्टेशन न सिर्फ लखनऊ का गौरव है, बल्कि पूरे देश की ऐतिहासिक धरोहरों में शामिल है। इसके स्थापत्य की खासियत यह है कि इसे देखने पर यह एक महल की तरह प्रतीत होता है। साल 1925 में बनी यह इमारत उस दौर की इंजीनियरिंग और कला का उत्कृष्ट नमूना है। प्रदर्शनी में रखी गई पुरानी और नई तस्वीरों ने लोगों को यह अहसास कराया कि स्टेशन ने किस तरह धीरे-धीरे विकास की नई मंज़िलें तय कीं।
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आयोजित इस प्रदर्शनी का शुभारंभ उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) सुनील कुमार वर्मा ने किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि चारबाग स्टेशन सिर्फ यात्रा का केंद्र नहीं है, बल्कि यह लखनऊ की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान का अहम हिस्सा है। उन्होंने स्टेशन से जुड़ी कई रोचक जानकारियाँ भी साझा कीं और बताया कि स्टेशन की इमारत को भारतीय और मुगल स्थापत्य कला की झलक के साथ डिज़ाइन किया गया था।
इस अवसर पर डीआरएम सुनील कुमार वर्मा ने पर्यावरण संरक्षण और हरित पहल के संदेश को आगे बढ़ाते हुए स्टेशन परिसर में पौधारोपण भी किया। उनका कहना था कि जैसे चारबाग स्टेशन ने सौ वर्षों का गौरवशाली सफर तय किया है, वैसे ही आने वाले वर्षों में इसे और भी हराभरा और आधुनिक स्वरूप दिया जाएगा।
चित्र प्रदर्शनी में स्टेशन के शुरुआती दिनों की ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीरें, निर्माण कार्य की झलकियां, पुराने टिकट और स्टेशन की गतिविधियों से जुड़ी ऐतिहासिक दस्तावेज़ प्रदर्शित किए गए। वहीं दूसरी ओर आधुनिक सुविधाओं से लैस मौजूदा चारबाग की तस्वीरें भी लोगों को दिखाई गईं। इन तस्वीरों ने यह साबित किया कि चारबाग स्टेशन ने समय के साथ खुद को आधुनिक तकनीक और सुविधाओं से लैस किया है, लेकिन अपनी ऐतिहासिक पहचान को भी बरकरार रखा है।
लोगों के लिए यह प्रदर्शनी इतिहास की एक जीवंत यात्रा साबित हुई। लखनऊ और आसपास से आए कई आगंतुकों ने प्रदर्शनी को देखकर उत्साह व्यक्त किया। उनका कहना था कि चारबाग स्टेशन हमेशा से ही लखनऊ की शान रहा है और इस तरह के आयोजन आने वाली पीढ़ियों को इसके महत्व से परिचित कराते हैं।
स्वतंत्रता दिवस और चारबाग स्टेशन के शताब्दी वर्ष का यह संगम राजधानी लखनऊ के लिए बेहद खास रहा। रेलवे प्रशासन ने साफ कर दिया है कि स्टेशन को और भी यात्री-हितैषी बनाने की दिशा में लगातार काम किया जाएगा। इस तरह, चारबाग रेलवे स्टेशन अपने गौरवशाली अतीत और आधुनिक भविष्य के बीच संतुलन का अनूठा उदाहरण बनकर आगे बढ़ रहा है।
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