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(राउंडअप) हिमाचल में 8 जुलाई तक भारी बारिश की चेतावनी, मंडी के प्रभावित क्षेत्रों में हेलिकॉप्टर से पहुंचाई राहत सामग्री

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– मंडी में भारी तबाही: 11 मौतें, 34 लापता, 148 घर गिरे, 14 पुल बहे, मुख्यमंत्री ने किया दौरा

शिमला, 2 जुलाई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून ने विकराल रूप धारण कर लिया है। बीते 11 दिनों से बारिश ने प्रदेश के कई क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई है। मौसम विभाग ने 8 जुलाई तक प्रदेश में मौसम खराब रहने और भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। तीन जुलाई को कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों में भारी बारिश के साथ गर्जना की संभावना जताते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है। चार जुलाई को कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिलों के लिए भी येलो अलर्ट प्रभावी रहेगा।

मौसम विभाग ने 5 से 7 जुलाई तक प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश के चलते ऑरेंज अलर्ट घोषित किया है। पांच जुलाई को ऊना, कांगड़ा और मंडी जिलों में बहुत भारी बारिश का अनुमान है, वहीं बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कुल्लू, शिमला, सोलन और सिरमौर में येलो अलर्ट रहेगा। छह जुलाई को ऊना, बिलासपुर, कांगड़ा, सिरमौर, शिमला और मंडी जिलों में फिर से ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। कुल्लू, चंबा, सोलन और हमीरपुर जिलों में येलो अलर्ट लागू रहेगा। इसके अलावा तीन जुलाई को चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों में बाढ़ की चेतावनी भी जारी की गई है।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार मानसून के 20 जून को हिमाचल में दस्तक देने के बाद से अब तक 62 लोगों की मौत हो चुकी है और 56 लोग लापता हैं। 103 लोग घायल हुए हैं जबकि 84 मवेशियों की मौत हुई है। अब तक 223 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें से अकेले मंडी जिले में 148 मकान पूरी तरह ढह गए हैं। आपदा से राज्य को अब तक लगभग 283 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसमें जलशक्ति विभाग को 163 करोड़ और लोक निर्माण विभाग को 117 करोड़ रुपये की क्षति पहुंची है।

प्रदेश में सबसे अधिक तबाही मंडी जिले में देखने को मिली है। सोमवार रात को थुनाग, गोहर, करसोग, धार जरोल, पांदव शिमला समेत कई क्षेत्रों में बादल फटने, भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाएं हुईं। मंडी के उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि इन घटनाओं में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 34 लोग लापता हैं। जिला प्रशासन और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें राहत व बचाव कार्य में जुटी हैं और अब तक 370 से अधिक लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है। मंडी जिले में 148 घर ध्वस्त हो चुके हैं, 14 पुल बह गए हैं, दो दुकानें बर्बाद हो गई हैं और 31 वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। पशुधन को भी भारी नुकसान हुआ है और 162 मवेशियों की जान चली गई है।

थुनाग उपमंडल में हालात इतने खराब हैं कि सड़क मार्ग से राहत सामग्री पहुंचाना संभव नहीं हो पा रहा। ऐसे में जिला प्रशासन ने रक्षा मंत्रालय और भारतीय वायुसेना से हवाई मदद की मांग की। बुधवार को भारतीय वायुसेना का हेलीकॉप्टर मंडी पहुंचा और थुनाग क्षेत्र के लिए राशन, दवाइयां और अन्य जरूरी सामग्री की खेप लेकर रवाना हुआ। हालांकि खराब मौसम के चलते हेलीकॉप्टर दूसरी उड़ान नहीं भर सका।

मुख्यमंत्री ने किया दौरा, विशेष राहत पैकेज का आश्वासन-

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को मंडी जिला के धर्मपुर क्षेत्र का दौरा किया और प्रभावितों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पीड़ितों को हरसंभव सहायता प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने विशेष राहत पैकेज की घोषणा का भरोसा भी दिलाया और कहा कि सरकार प्रभावितों को अकेला नहीं छोड़ेगी। मानसून से तबाही के कारण प्रभावित क्षेत्रों में संचार व्यवस्था भी चरमराने लगी थी। इसे ध्यान में रखते हुए दूरसंचार विभाग ने मंडी जिले के थुनाग तहसील में 11 जुलाई तक के लिए इंट्रा-सर्कल रोमिंग सुविधा सक्रिय कर दी है। इस व्यवस्था के तहत उपभोक्ता किसी भी नेटवर्क का मैनुअल चयन कर मोबाइल सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं, चाहे वह उनका मूल सेवा प्रदाता हो या नहीं।

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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा

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