जयपुर, 15 अगस्त (Udaipur Kiran) । विद्याधर नगर थाना पुलिस ने डेढ करोड़ रुपए की चोरी के मामले में फरार पच्चीस हजार रूपये का इनामी मास्टर माइंड को गिरफ्तार किया है। बदमाश ने चोरी के रुपये से डंपर खरीदा और बैंक में गिरवी रखी पत्नी के जेवरात छुडवाए । पुलिस ने मामले में युवती समेत चार आरोपितों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था।
पुलिस उपायुक्त जयपुर (उत्तर) करण शर्मा ने बताया कि विधाधर नगर थाना पुलिस ने डेढ करोड़ रुपए की चोरी के मामले में फरार मास्टर माइंड अभिषेक सिंह (27) निवासी खोह नागोरियान को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपित पिछले सवा साल से तलाश की जा रही थी। पुलिस ने अभिषेक सिंह पर पच्चीस हजार रुपये का इनाम रखा था। वह हरियाणा, पश्चिमी बंगाल और उत्तराखंड में अपने छिपने के ठिकाने बदलकर फरारी काट रहा था। गिरफ्तार मास्टरमाइंड अभिषेक सिंह के खिलाफ हत्या, किडनैपिंग, आर्म्स एक्ट के करीब आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज है। पुलिस की कार्यप्रणाली को समझने के साथ ही वारदात कर चकमा देने के लिए उसने यू-ट्यूब और सोशल साइट्स पर दर्जनों क्राइम सीरियल देखे। इस मामले में शामिल प्रभाती देवी (26) निवासी मुकुंदगढ़ जिला झुंझुनूं, इमरान खान (36) निवासी रतन नगर जिला चूरू, साहिल पीर उर्फ साहिल गाजी (24) निवासी फतेहपुर कोतवाली सीकर और अमित कुमार कस्वां उर्फ मित्तला (27) निवासी सदर चूरू को गिरफ्तार किया गया था। अब बाकी बदमाश से रुपये बरामद करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
थानाधिकारी राकेश ख्यालिया ने बताया कि विद्याधर नगर थाने में ट्रांसफार्मर उत्पादन कंपनी में चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (सीएफओ) सज्जन कुमार छीपा ने मामला दर्ज करवाया था कि ऑफिस स्टाफ विजय कुमार टांक जयपुर में भाटी कॉम्पलेक्स में रहता है। ऑफिस की अलमारी स्टाफ विजय के घर रखी हुई थी। इसमें ऑफिस के जरूरी डॉक्यूमेंट,स्टांप पेपर, चैक और डेढ करोड़ कैश रखा था। 21 जून 2024 को विजय कुमार ने फोन कर ऑफिस की अलमारी रात को चोरी होने के बारे में बताया। पुलिस जांच में सामने आया कि ऑफिस स्टाफ विजय की ओर से अलमारी में रखे कैश और सामान का वीडियो बनाकर अधिकारियों को भेजा जाता था। वीडियो में बड़ी संख्या में कैश रखा विजय के परिचित साहिल पीर ने देख लिया था। साहिल ने पैसे के बारे में अभिषेक सिंह को बताया। अभिषेक ने चोरी और फरारी का प्री-प्लान बनाया। प्लान के तहत गैंग में एक युवती सहित चार साथियों को शामिल किया था। वारदात से करीब 15-20 दिन पहले गैंग में शामिल दीप्ति से ऑफिस स्टाफ विजय की दोस्ती करवाई। जिसके बाद युवती का उसके घर पर आना-जाना शुरू हो गया। 20 जून की रात करीब 10:30 बजे विजय के साथ दीप्ति उसके घर पर आई थी। धोखे से नशीला पदार्थ पिलाकर विजय को बेहोश कर दिया गया था। इसके बाद दीप्ति ने अपने अन्य साथियों को बुला लिया था। साथी अलमारी को पिकअप में डालकर जगतपुरा ले गए। वहां अलमारी को तोड़ा गया और उसमें रखे 1.50 करोड़ रुपये का आपस में बंटवारा कर फरार हो गए थे। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पीछा करते हुए पहुंची पुलिस टीम ने दबिश देकर युवती सहित चार आरोपितों को धर-दबोचा था। जिनके कब्जे से चोरी किए 63 लाख बरामद किए गए थे। वारदात में यूज पिकअप अभिषेक लेकर भाग गया था। जिसे उसने अपने भाई के घर खड़ी कर दी थी।
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(Udaipur Kiran)
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