–हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगी जानकारी
प्रयागराज, 01 जुलाई (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उप्र लोक एवं निजी सम्पत्ति क्षति दावा वसूली अधिकरण प्रयागराज को अब तक कोर्ट रूम, स्टाफ और बुनियादी सुविधाएं नहीं उपलब्ध कराए जाने से दावों की सुनवाई न हो सकने को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर राज्य सरकार से जानकारी मांगी है।
सामाजिक कार्यकर्ता सिद्धार्थ नारायण की जनहित याचिका में कहा गया है कि पांच कमिश्नरियों प्रयागराज, वाराणसी, विंध्याचल, चित्रकूट व झांसी के 21 जिलों के लिए गठित उप्र लोक एवं निजी सम्पत्ति क्षति दावा वसूली अधिकरण प्रयागराज के पास न न्यायालय कक्ष है, न स्टाफ और न ही बुनियादी सुविधाएं। वर्ष 2021 में एक रिटायर जिला जज को अध्यक्ष व ऐसे ही एक प्रशासनिक अधिकारी को अधिकरण का सदस्य नियुक्त किया गया था।
मंडलायुक्त ने जिलाधिकारी प्रयागराज को कोर्ट रूम व अन्य सुविधाएं मुहैया कराने का आदेश देकर अपना पल्ला झाड़ लिया। जिलाधिकारी को शासन ने भी चिट्ठियां लिखीं लेकिन लगभग साढ़े तीन साल का समय बीत जाने के बाद भी अधिकरण को बैठने की जगह नहीं मिली। अधिकरण की बैठने की व्यवस्था तक न होने के कारण निजी सम्पत्ति के नुकसान की वसूली दावों की सुनवाई नहीं हो पा रही। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व जिला प्रशासन को जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। जनहित याचिका पर अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
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