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प्रवासी भारतीयों के साथ मध्य प्रदेश का है मजबूत जुड़ाव : डॉ. माेहन यादव

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– मप्र के मुख्यमंत्री ने बार्सिलोना में प्रवासी भारतीयों और फ्रेंड्स ऑफ एमपी से किया संवाद

बार्सिलोना, 19 जुलाई (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्य प्रदेश में अब विकास और निवेश साथ-साथ चल रहे हैं।विदेश में बसे भारतीय केवल नागरिक ही नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति के संवाहक भी हैं। बार्सिलोना में भारतीयों का जो अपनापन दिखा, वह उन्हें उज्जैन की अनुभूति कराता है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश अब केवल संभावना नहीं, बल्कि निवेश का सशक्त मंच बन चुका है। राज्य सरकार ने नीति, प्रक्रिया और प्रोत्साहन के तीनों स्तरों पर गंभीर और प्रभावी सुधार किए हैं, जिससे निवेशकों को वास्तविक लाभ और विश्वास दोनों मिल रहे हैं।मुख्यमंत्री शुक्रवार देर शाम तीन दिवसीय स्पेन प्रवास के दाैरान बार्सिलोना में प्रवासी भारतीयों और फ्रेंड्स ऑफ एमपी के बीच आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि भारतीय जहां भी जाते हैं, वहां परंपरा और पर्वों की गरिमा बढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि यह केवल एक संवाद नहीं, बल्कि हृदय से हृदय का जुड़ाव है। सरकार निवेश को केवल आर्थिक लेन-देन नहीं मानती, बल्कि उसे भावनात्मक और दीर्घकालिक भागीदारी का माध्यम मानती है। उन्हाेंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की वैश्विक साख अभूतपूर्व रूप से बढ़ी है। भारत एक मात्र ऐसा देश है जो 80 करोड़ भारतीयों को मुफ्त राशन उपलब्ध करा रहा है। यह भारत की क्षमताओं और व्यवस्था की शक्ति का परिचायक है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि बार्सिलोना में आप सभी का उत्साह देखकर लग रहा है कि मैं उज्जैन में हूं। काउंसल जनरल इनबासेकर सुंदरमूर्ति के प्रभावशाली भाषण ने दिखा दिया है कि स्पेन के प्रवासी भारतीय आज भी अपनी मिट्टी से जुड़े हुए हैं। ईश्वर ने भारतीयों को यश दिया है कि जहां चाहें उसे ही स्वर्ग बना देते हैं। महाकाल की नगरी उज्जैन का गौरवशाली इतिहास रहा है। भारतीयों को देखकर लोग होली-दिवाली मना लेते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारतवंशियों की प्रतिष्ठा बढ़ी है। भारतीय, दूध में शक्कर की तरह घुल-मिल जाते हैं। ये देश है वीर जवानों का… भारतीय संस्कृति को दिखाता है। भारत वीरों का देश है। वर्तमान समय में भारत ने दुनिया में अपनी साख बनाई है। भारत की प्रगति देखकर दुनिया दांतो तले ऊंगलियां दबा लेती है।

उन्हाेंने बताया कि प्रदेश में निवेश से जुड़ी सभी नीतियां निवेशकों की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं। प्रक्रियाओं को डिजिटलीकरण और फास्ट ट्रैक स्वीकृति व्यवस्था से जोड़ा गया है। लंदन में एक उद्योगपति को ऑनलाइन आवेदन के तुरंत बाद भूमि आवंटन किया जाना इसी का उदाहरण है। कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य शिक्षा के विस्तार के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। यदि कोई संस्था या निवेशक मेडिकल कॉलेज स्थापित करना चाहता है, तो सरकार 25 एकड़ जमीन मात्र एक रुपये में उपलब्ध कराएगी। इससे गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों तक पहुंच सकेंगी।

मुख्यमंत्री बताया कि टूरिज्म सेक्टर को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से होटल परियोजनाओं पर सरकार 30 करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता दे रही है। यह सहायता 100 करोड़ रुपये तक की लागत वाली परियोजनाओं के लिए लागू है, जिससे प्रदेश में विश्वस्तरीय पर्यटन सुविधाएं विकसित हो सकें।कहा कि प्रदेश में टेक्सटाइल, फार्मा, एग्रो प्रोसेसिंग और टूरिज्म जैसे क्षेत्रों में निवेश की व्यापक संभावनाएं हैं। आईटी उद्योग को छोटे शहरों तक विस्तार देने की दिशा में सरकार सक्रिय रूप से काम कर रही है। हर सेक्टर के लिए अलग-अलग नीति और सहायता संरचना मौजूद है।

डॉ. माेहन यादव ने बताया कि राज्य सरकार ने मेडिकल शिक्षा के विस्तार को प्राथमिकता दी है। वर्तमान में 37 मेडिकल कॉलेज प्रदेश में संचालित हैं और अगले दो वर्षों में इस संख्या को 50 तक पहुंचाने का लक्ष्य है। इससे प्रदेश के युवाओं को स्थानीय स्तर पर चिकित्सा शिक्षा के अवसर मिलेंगे। उन्हाेंने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए किसानों को 3 लाख से अधिक सोलर पंप देने का निर्णय लिया गया है। इससे सिंचाई पर बिजली की निर्भरता कम होगी और किसानों को बिजली बिल से स्थायी राहत मिलेगी। यह राज्य को ग्रीन एनर्जी की दिशा में भी आगे ले जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि प्रदेश अब गेहूं उत्पादन में पंजाब जैसे पारंपरिक कृषि राज्य से भी आगे निकल चुका है। कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए फूड प्रोसेसिंग इकाइयों और एग्री क्लस्टर्स की स्थापना की जा रही है। इससे किसानों की आय और औद्योगिक विकास दोनों को बल मिलेगा। उन्हाेंने कहा कि प्रदेश के छोटे शहरों को भी डिजिटल और तकनीकी विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है। यहां आईटी इंडस्ट्री स्थापित करने के प्रयास जारी हैं, जिससे स्थानीय युवाओं को पलायन न करना पड़े और उन्हें अपने ही शहर में रोजगार मिल सके।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रवासी भारतीयों से आग्रह किया कि वे केवल देखे नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश की विकास यात्रा में भागीदार बनें। उन्होंने कहा कि सरकार न केवल सुनती है, बल्कि हर सुझाव पर गहराई से कार्य करती है। यह प्रदेश भारत का दिल है और यहां हर प्रयास, हर संबंध का स्वागत है।———————

(Udaipur Kiran) / उम्मेद सिंह रावत

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