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डीएमएफटी फंड घोटाले के सरगना हैं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन: बाबूलाल

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रांची, 08 सितंबर (Udaipur Kiran) । झारखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने बोकारो में हुए जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी ) फंड घोटाले को उजागर करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधा। मरांडी सोमवार को प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे।

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस लूट और घोटाले के सरगना है। उन्होंने डीएमएफटी फंड को अपना एटीएम कार्ड बना लिया है और अधिकारियों को रुपये निकालने के लिए लगा दिया है। लूट का सारा पैसा उनकी (हेमंत सोरेन) तिजोरी में जमा हो रहा है।

मरांडी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अगर अपने आप को पाक-साफ बताना चाहते हैं, तो इस घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा करें। उन्होंने कहा कि आज तो वे एक बोकारो जिला में हुई लूट का खुलासा कर रहे हैं। लेकिन इस प्रकार की लूट पूरे प्रदेश में हुई है, जिसकी जांच आवश्यक है। उन्होंने कहा निष्पक्ष जांच के बाद ही सारे लूट उजागर होंगे।

नेता प्रत्पक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का लंबा राजनीतिक सामाजिक जीवन रहा है। उन्होंने खनन क्षेत्र में निवास करने वाले गरीबों और जरूरतमंदों की समस्याओं को बहुत नजदीक से देखा और अनुभव किया है। इसीलिए प्रधानमंत्री बनते ही खनिज उत्खनन वाले जिलों के लिए डीएमएफटी फंड की व्यवस्था की, ताकि संबंधित जिलों में सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।

मरांडी ने कहा कि 2024-25 और 2025-26 वित्तीय वर्षों के दौरान इस फंड से 631 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की गई और सत्ता से जुड़े लोगों को टेंडर के जरिए करोड़ों का फायदा पहुंचाया गया। उन्होंने बताया कि बोकारो जिला के 46 पंचायतों में जेनरेटर की आपूर्ति, 1666 आंगनबाड़ी केंद्रों में डिजिटल मेट्स की आपूर्ति, स्कूलों में टैब लैब ,शहर में 187 हाई मास्ट लाइट की आपूर्ति, एलईडी वेन की खरीद, सरकारी भवनों में तड़ित चालक, वॉल पेंटिंग, सौर ऊर्जा पंपसेट, स्कूलों में मॉड्यूलर किचेन का निर्माण, स्मार्ट मॉडल स्कूल का उन्नयन,छात्रों केलिए कोचिंग, कौशल विकास और प्लेसमेंट सभी में करोड़ों रुपए की लूट हुई है।

मरांडी ने कहा कि बार-बार निविदा निकालना, बाजार रेट से 10 गुना ज्यादा पर सामग्री की आपूर्ति दिखाते हुए भुगतान करना, ये सारे ऐसे मामले हैं जो बड़े पैमाने पर हुए घोटाले को उजागर करते हैं। उन्होंने कहा कि सभी योजनाओं व कार्यों में हजारों करोड़ रुपए की लूट हुई है, जो केवल एक अधिकारी के स्तर से हो यह अविश्वसनीय है।

उन्होंने कहा कि यह घोटाला पूरी तरह से मुख्यमंत्री के इशारे पर ही संभव है। कोई पदाधिकारी इतना बेखौफ नहीं हो सकता। इसलिए इसकी जांच कोई राज्य सरकार की एजेंसी से नहीं, बल्कि सीबीआई से कराने की जरूरत है। राज्य सरकार तो इसमें संलिप्त है, फिर राज्य की किसी एजेंसी से जांच कराने से कोई चोर कैसे पकड़ा जाएगा।

मरांडी ने कहा कि राज्य में सामाजिक संगठन को सूचना मांगने पर भी धमकी दी जा रही है। भाजपा ऐसे लोगों के साथ पूरी तरह खड़ी है, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने अपने स्तर से लड़ाई लड़ रहे हैं। भाजपा सड़क से सदन तक इस मामले को उजागर करेगी। राज्य सरकार को सीबीआई जांच कराने के लिए बाध्य करेगी। राज्य सरकार इस घोटाले की जांच की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाती, तो केंद्र सरकार इसकी जांच केलिए सक्षम है।

प्रेसवार्ता में प्रदेश सह मीडिया प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह और अशोक बड़ाइक भी उपस्थित रहे।—————

(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे

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