ग्वालियर, 24 अप्रैल . उत्तराखंड के जोशीमठ स्थित ज्योतिषपीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने पहलगाम आतंकी हमले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि इस हमले ने साबित कर दिया कि आतंकवाद का धर्म इस्लाम है. आतंकियों ने धर्म पूछकर निर्दोषों की हत्या की. उन्होंने पाकिस्तान की संलिप्तता पर सवाल उठाते हुए जवाबदेही तय करने और हिंदुओं को शास्त्र के साथ शस्त्र प्रशिक्षण लेने की वकालत की.
जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद गुरुवार शाम को अल्प प्रवास पर ग्वालियर पहुंचे थे. यहां उन्होंने रामबाग कॉलोनी स्थित मंशापूर्ण हनुमान मंदिर में दर्शन के बाद पत्रकार वार्ता के जरिए पहलगाम आतंकी हमले, औरंगजेब, बागेश्वर पीठाधीश्वर द्वारा बसाए जा रहे हिंदू गांव और अन्य मुद्दों पर अपनी बात रखी.
पहलगाम हमले को लेकर उन्होंने कहा कि अभी तक आतंकवाद का कोई धर्म नजर नहीं आता था. लेकिन इस घटना के बाद अब स्पष्ट हो चुका है कि आतंकवाद का सिर्फ एक ही धर्म है वो इस्लाम है. यदि ऐसा नहीं है तो अभी तक मुस्लिम नेताओं और धर्म गुरुओं को सामने आना चाहिए था. ऐसे आतंकी मुसलमानों का बहिष्कार करने के बयान सामने आने चाहिए थे. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है. इससे स्पष्ट हो गया है कि आतंक का धर्म सिर्फ इस्लाम है.
शंकराचार्य ने कहा कि आतंकियों ने धर्म के आधार पर हत्याएं कीं, जो आतंकवाद के धार्मिक चरित्र को उजागर करता है. घटना के बाद से लगातार कहा जा रहा है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है. लेकिन भारत के पास इसके क्या सबूत है, यह अभी तक साफ नहीं किया गया है. इस तरह की घटनाएं को लेकर अभी तक जिम्मेदारी तय नहीं हो पाई है कि कहां लापरवाही हुई. इस घटना में इंटेलिजेंस का बड़ा फैलियर हुआ है. जब तक कोई ठोस कड़ी कार्रवाई नहीं की जाएगी, तब तक इस तरह के आतंकी हमले होते रहेंगे. उन्होंने मांग की कि इस घटना की जवाबदेही तय हो, जिससे यह स्पष्ट हो कि किसकी चूक से यह हमला हुआ. पाकिस्तान की भूमिका सिद्ध होती है, तो भारत को युद्ध की घोषणा कर देनी चाहिए.
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने केंद्र सरकार द्वारा पाकिस्तान पर लिए गए सख्त एक्शन को लेकर कहा कि केंद्र सरकार चाहे पाकिस्तान को लेकर 1000 बड़े फैसले ले ले. लेकिन जब तक 26 लोगों की जान लेने वालों का नाम सामने नहीं आता, तब तक इसका कोई मतलब नहीं है. गाजा पट्टी पर आज भी गोलीबारी जारी है. उनके तो सिर्फ चार गए थे. हमारे तो 26 गए हैं. उनके लिए आप सिर्फ चार फैसले लेकर पीछे नहीं हट सकते हैं.
उन्होंने कहा कि देश में घुसकर आतंकी धर्म पूछकर हिंदुओं की हत्या कर रहे हैं. धर्माचार्य होने के नाते अब हमें भी चिंता सता रही है. ऐसे हालात को देखते हुए अब हमें हिंदुओं को ट्रेंड करना होगा. जरूरत पड़ने पर उन्हें शस्त्र उठाने की ट्रेनिंग देना होगी. अब जम्हूरियत खत्म हो चुकी है. अब सरकार से कोई उम्मीद नहीं है. लोकतंत्र पर हम विश्वास करके बैठे थे कि हमारी रक्षा होगी. कश्मीर और केंद्र सरकार दोनों ही असफल हुई है. हर आदमी को अपनी आत्मरक्षा करने का अधिकार है. इसके लिए अब हम हिंदुओं को ट्रेंड जरूर करेंगे. अब हिंदू को जरूरत पड़ेगी तो वह शस्त्र भी धारण करेगा.
शंकराचार्य ने शरबत जिहाद को लेकर कहा कि जो चीज मुसलमान के उपयोग योग्य होती है, उसे हलाल कहा जाता है. उनके धर्म में दो शब्द चलते हैं हलाल और हराम. मुसलमानों ने चेन्नई कोर्ट में एफिडेविट दिया है. उसमें उन्होंने स्वीकार किया है कि जब तक हम किसी बनी हुई चीज में थूक नहीं देते हैं. अपने शरीर का जब तक कोई अंश उसमें मिला नहीं देते हैं, तब तक वह हमारे उपयोग योग्य नहीं होता है. उन्होंने अपने एफिडेविट पर यह कहा है. ऐसी स्थिति में हम बचपन से सुनते थे कि मुसलमान के यहां पानी नहीं पीना. आज एफिडेविट से यह बात सच साबित हो गई है.
स्वामीजी ने रॉबर्ट वाड्रा के बयान को खारिज करते हुए कहा कि उनके बयानों को तूल देने की जरूरत नहीं. उन्होंने हिंदुओं से अपनी सुरक्षा के लिए शास्त्र के साथ शस्त्र प्रशिक्षण लेने और सनातनियों में नई राजनीतिक शक्ति के उदय की बात कही.
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तोमर
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