– दतिया और सतना को मिलेगी हवाई उड़ान की सुविधा, विकास को मिलेगी रफ्तार
– मां पीताबरा और मैहर वाली मां शारदा समेत श्रीराम तीर्थ चित्रकूट के लिए तीर्थ यात्री ले सकेंगे फ्लाइट भोपाल, 27 मई . प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार, 31 मई को प्रदेश के दो प्रमुख तीर्थ स्थलों दतिया और सतना को हवाई उड़ान की ऐतिहासिक सौगात देंगे. प्रधानमंत्री मोदी भोपाल से वर्चुअली दतिया और सतना में नव निर्मित एयरपोर्ट्स का वर्चुअली लोकार्पण करेंगे. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी लोकार्पण कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे.
जनसंपर्क अधिकारी राजेश सिंह ने मंगलवार को बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव प्रारंभ से ही प्रदेश के प्रमुख शहरों को हवाई सुविधा से जोड़ने में जुटे हुए हैं. दतिया औऱ सतना प्रदेश के धार्मिक, औद्योगिक और सामाजिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण शहर हैं. यहां एयरपोर्ट्स की सुविधा आ जाने से तीर्थ यात्रियों को दतिया की मां पीतांबरा पीठ, सतना की मैहर वाली मां शारदा और श्रीराम के वनवास के साक्षी चित्रकूट धाम पहुंचने के लिए हवाई यात्रा की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी. इस सुविधा से तीर्थ यात्रा सुगम हो जाएगी, साथ ही दोनों क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास को गति मिलेगी.
दतिया को मिली हवाई सेवा की सौगात-
प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां पीतांबरा की नगरी दतिया अब हवाई सेवा से देश से और भी बेहतर रूप से जुड़ सकेगी. प्रधानमंत्री मोदी के एयपरपोर्ट लोकार्पण के बाद 60 करोड़ रुपये की लागत से नव निर्मित 124 एकड़ में फैले एयरपोर्ट पर प्रारंभिक चरण में 19 सीटर एयरक्राफ्ट उतर सकेंगे. नए एयरपोर्ट पर 1.81 किलोमीटर लंबा और 30 मीटर चौड़ा रनवे बनाया गया है. एयरपोर्ट की पार्किंग में लगभग 50 कारों की पार्किंग व्यवस्था है. यात्रियों की सुविधा के लिए एयरपोर्ट पर दो चेक-इन काउंटर बनाए गए हैं.
यह एयरपोर्ट ATR 72 विमानों की क्षमता वाला है. यहां फ्लाई बिग एयरलाइन्स की उड़ानें सप्ताह में चार दिन संचालित होंगी. यह एयरपोर्ट दतिया वासियों के साथ-साथ देशभर से मां पीतांबरा के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यात्रा का एक सुविधाजनक साधन बनेगा, जिससे धार्मिक पर्यटन को नई गति मिलेगी.
सतना एयरपोर्ट से विन्ध्य को मिलेगी नई पहचान-विन्ध्य क्षेत्र की औद्योगिक राजधानी सतना में भी नये एयरपोर्ट का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है. 37 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह एयरपोर्ट पूर्व निर्मित हवाई पट्टी का पुनर्निर्माण कर आधुनिक स्वरूप में विकसित किया गया है. भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने निर्माण कार्य को रिकॉर्ड समय में 31 अक्टूबर 2024 को पूर्ण कर लिया था और डीजीसीए द्वारा 20 दिसंबर 2024 को लाइसेंस जारी कर दिया गया. इस एयरपोर्ट पर 12 सौ मीटर लंबा रनवे, 750 वर्गमीटर में निर्मित टर्मिनल बिल्डिंग, और एक समय में दो एयरक्राफ्ट पार्किंग की व्यवस्था है. यह एयरपोर्ट अब 19 सीटर विमानों के संचालन के लिए पूरी तरह तैयार है.
एयरपोर्ट में सभी आधुनिक सुविधाएं–एटीसी टावर, फायर स्टेशन, वीआईपी लाउंज, दिव्यांग और बच्चों के लिए विशेष सुविधाएं, ट्रांसफार्मर, डीजी सेट, एम्बुलेंस और सुरक्षा व्यवस्थाएं–छोटे स्वरूप में उपलब्ध कराई गई हैं. यह एयरपोर्ट सतना ही नहीं, बल्कि पूरे विन्ध्य क्षेत्र के उद्योग, पर्यटन, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा देगा और क्षेत्रीय संपर्क को सुदृढ़ बनाएगा. सतना के एयरपोर्ट के प्रारंभ होने से देश और दुनिया में प्रसिद्ध मैहर की शारदा देवी, भगवान श्रीराम की वनस्थली चित्रकूट और ज्ञान के तीर्थ के रूप में विकसित नानाजी देशमुख ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट आने वालों के लिए बड़ी सुविधा मिल जाएगी. सतना और आसपास का क्षेत्र खनिजों के साथ सीमेंट आदि कारखानों के लिए आने वाले उद्योगपतियों के लिए भी सुविधाजनक हवाई सफर सुनिश्चित हो सकेगा.
सतना के एयरपोर्ट्स तीर्थ यात्रियों के आवागमन के लिए नए द्वार खोल रहा है. इससे प्रधानमंत्री मोदी का ‘नये भारत’ का वह विजन भी साकार हो रहा है, जिसमें छोटे शहरों को भी बड़ी उड़ान सुविधा दिये जाने का सपना संजोया गया है.———–
/ उम्मेद सिंह रावत
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