हरिद्वार, 7 जुलाई (Udaipur Kiran) । खड़खड़ी स्थित निर्धन निकेतन आश्रम में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषि रामकृष्ण महाराज ने कहा कि भगवान की भक्ति ही सबसे बड़ा धन है। सच्चे प्रेम से ही भगवान को पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा जीवन को प्रभु भक्ति से जोड़ती है। भगवान श्रीकृष्ण बिना मांगे ही अपने भक्तों की झोली भर देते हैं।
श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव तथा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने भक्तों को आशीवर्चन प्रदान करते हुए कहा कि संसार के हर भक्त के हृदय में वास करने वाले भगवान श्रीकृष्ण लीलाधारी और अदभूत चमत्कारी हैं। भगवान मुरलीधर को जिसने भी सच्चे मन से पुकारा उन्होंने उसका जीवन भवसागर से पार उतारा है।
कथाव्यास महांडलेश्वर स्वामी शिवानंद महाराज ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि पृथ्वी ने गाय का रूप धारण कर श्रीकृष्ण को पुकारा तब वे पृथ्वी पर आये।
इस अवसर पर स्वामी राजेंद्रानंद, स्वामी रविदेव शास्त्री, महंत मोहन सिंह, महंत दुर्गादास, महंत तीरथ सिंह, स्वामी शिवम महंत, स्वामी हरिहरानंद, स्वामी दिनेश दास, स्वामी शिवानंद भारती सहित कई संत महंत और श्रद्धालु शामिल रहे।
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(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला
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