कोकराझार (असम), 17 जुलाई (Udaipur Kiran) । असम के कोराझार में ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (आब्सू) ने गुरुवार को राज्यव्यापी प्रदर्शन किया और असम न्यायिक सेवा परीक्षाओं में बोड़ो भाषा को शामिल न करने की कड़ी निंदा की।
आब्सू के नेतृत्व में आज यह विरोध प्रदर्शन असम सरकार और गौहाटी उच्च न्यायालय, दोनों पर आठवीं अनुसूची के तहत संवैधानिक रूप से मान्यता प्राप्त भाषा की कथित रूप से अनदेखी करने का आरोप लगाते कोकराझार के जेडी रोड इलाके में आज एक बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ, जहां प्रदर्शनकारियों ने असम न्यायिक सेवा भर्ती विज्ञापन की प्रतियां जलाईं। आब्सू नेताओं ने अधिकारियों पर बोड़ो भाषा की लगातार उपेक्षा करने का आरोप लगाया, जिसे असम की एक सहयोगी आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त है।
मीडिया से बात करते हुए आब्सू के सहायक महासचिव स्वम्द्वन ब्रह्म ने कहा कि हमारी मांग स्पष्ट और न्यायोचित है। सभी प्रासंगिक प्रतियोगी परीक्षाओं में बोड़ो भाषा को शामिल किया जाए। छात्र संगठन विशेष रूप से ग्रेड III असम न्यायिक सेवा परीक्षा में 50 अंकों के प्रश्नपत्र को असमिया के साथ बोड़ो में भी उपलब्ध कराने की मांग कर रहा है।
इसके अतिरिक्त, आब्सू ने आग्रह किया कि असम प्रशासनिक सेवा के अंतर्गत और गौहाटी उच्च न्यायालय की देखरेख में जिला न्यायालयों में कनिष्ठ प्रशासनिक सहायक पद के लिए 20 अंकों का भाषाई प्रश्नपत्र भी बोड़ो में उपलब्ध कराया जाए। ब्रह्म ने कहा, यह केवल भाषा का मामला नहीं है- यह मौलिक अधिकारों और समान पहुंच का मामला है। उन्होंने कहा, बोड़ो माध्यम के उम्मीदवारों को अपनी भाषा में परीक्षा देने का अवसर व्यवस्थित रूप से नकारना पूरी तरह से बहिष्कार की नीति है।
संगठन ने कहा कि राज्य सरकार और न्यायिक अधिकारियों, दोनों से वर्षों से किए गए अनुरोधों और बार-बार की गई अपीलों के बावजूद, इस मुद्दे के समाधान के लिए कोई सार्थक कार्रवाई नहीं की गई है। आब्सू ने राज्य की प्रतिस्पर्धी भर्ती प्रक्रियाओं में बोड़ो भाषा को उचित स्थान मिलने तक अपना आंदोलन जारी रखने का संकल्प लिया।————
(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय
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