प्रयागराज, 01 जुलाई (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इटावा के जिलाधिकारी और उपायुक्त श्रम रोजगार मनरेगा को अवमानना के मामले में तलब किया है। दोनों अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने सतीश कुमार और 15 अन्य लोगों द्वारा दायर एक अवमानना याचिका पर दिया। कोर्ट ने पूछा है कि उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए।
सतीश कुमार और 15 अन्य की अवमानना याचिका में कहा गया है कि उपयुक्त श्रम ने 18 अक्टूबर 2024 को एक आदेश से मनरेगा विभाग में तकनीकी सहायक के रूप में कार्यरत याचियों के खिलाफ स्थानांतरण आदेश पारित किया था। इस आदेश को याचियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें कोर्ट ने 8 नवम्बर 2024 को उस आदेश पर रोक लगा दी थी। 18 नवम्बर 2024 को आदेश तामील भी करा दिया गया था।
इसके बावजूद, उपायुक्त ने अब फिर से एक समान आदेश 18 जून 2025 को पारित कर दिया है, जिसमें केवल तारीख बदली गई है। यह कोर्ट के 8 नवम्बर 2024 के आदेश का घोर उल्लंघन है।
कोर्ट ने कहा कि 18 जून 2025 का आदेश 18 अक्टूबर 2024 के आदेश के समान है। इन तथ्यों के आधार पर कोर्ट ने दोनों डीएम और उपायुक्त श्रम को अगली निर्धारित तिथि पर व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
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