रांची, 31 अक्टूबर (Udaipur Kiran) . Jharkhand कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की ओर से 21 और 22 सितंबर 2023 को आयोजित की सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता Examination (सीजीएल) में कथित गड़बड़ियों को लेकर सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर उच्च न्यायालय में शुक्रवार को सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए अगले आदेश तक पूर्व में पारित अंतरिम आदेश को बरकरार रखने का निर्देश दिया है. मामले में अगली सुनवाई तीन नवंबर को निर्धारित की गई है.
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कोर्ट को बताया कि अब तक की जांच में क्वेश्चन पेपर लीक होने के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं. महाधिवक्ता ने कोर्ट को सूचित किया कि सीआईडी की जांच में अभी तक किसी तरह के पेपर लीक की बात सामने नहीं आई है.
Examination में अलग-अलग तीन वर्षों के कुछ प्रश्नों की पुनरावृत्ति हुई है, जिसे पेपर लीक नहीं माना जा सकता है. कुछ गेस क्वेश्चन को पेपर लीक बताया जा रहा है. संतोष मस्ताना नाम के व्यक्ति से पूछताछ में भी क्वेश्चन पेपर लीक होने की कोई पुष्टि नहीं हुई है, यद्यपि गेस क्वेश्चन’ की बात सामने नहीं आई.
इस मामले में आज हस्तक्षेपकर्ता की ओर से भी कोर्ट में पक्ष रखा गया. जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरावाल और अधिवक्ता प्रिंस कुमार ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.
प्रार्थी प्रकाश कुमार एवं अन्य की ओर से दायर इस जनहित याचिका में मुख्य रूप से निम्नलिखित मांगे की गई हैं, जिनमें सीजीएल Examination रद्द की जाए. पूरे मामले की सीबीआई जांच कराई जाए. याचिका में आरोप लगाया गया है कि Examination में पेपर लीक, पेपर का सील खुला होना और बड़ी संख्या में प्रश्नों को दोहराने (रिपीट करने) जैसी गंभीर गड़बड़ी हुई है.
उल्लेखनीय है कि जेएसएससी सीजीएल-2023 Examination में कुल 3,04,769 अभ्यर्थी शामिल हुए थे. इस Examination के माध्यम से विभिन्न विभागों में 2025 पदों पर चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति होनी है.
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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे
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