शिमला, 10 सितंबर (Udaipur Kiran) । शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बुधवार काे कोटखाई उपमंडल का दौरा कर भारी बारिश से हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करते हुए स्थानीय लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना।
उन्होंने गुम्मा, खलटू नाला, बगैन, देवरी-खनेटी और चाशला-देवरीघाट जैसे क्षेत्रों में जाकर आपदा से हुई क्षति का निरीक्षण किया। मंत्री ने बताया कि क्षेत्र में सड़कों का विस्तृत नेटवर्क है, जिसे भारी वर्षा के कारण गंभीर नुकसान हुआ है।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि कोटखाई उपमंडल की लगभग 95 प्रतिशत सड़कों को बहाल कर दिया गया है और बाकी मार्गों को भी जल्द ही चालू कर दिया जाएगा, जिससे सेब बागवानों की फसल समय पर मंडियों तक पहुंच सके। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत लगभग 300 सड़कें हैं, जिन्हें अब तक लगभग 170 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। अकेले ठियोग-हाटकोटी सड़क को ही लगभग 40 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है।
रोहित ठाकुर ने कहा कि सेब सीजन पूरा होने के बाद सभी क्षतिग्रस्त सड़कों की स्थायी मरम्मत, डंगे निर्माण और अन्य पुनर्निर्माण कार्य शुरू किए जाएंगे। वर्तमान में प्राथमिकता इस बात की है कि बागवानों को अपनी उपज मंडियों तक पहुंचाने में कोई परेशानी न हो। उन्होंने बताया कि अब तक लगभग डेढ़ करोड़ सेब की पेटियां बाजार पहुंच चुकी हैं, जो कुल उत्पादन का लगभग 60 प्रतिशत है। शेष 40 प्रतिशत उपज को भी सुचारु रूप से मंडियों तक पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है।
उन्होंने यह भी बताया कि कोटखाई उपमंडल में सभी 37 एप्पल कलेक्शन सेंटर क्रियाशील कर दिए गए हैं। इन केंद्रों के माध्यम से अब तक लगभग 11 हजार मीट्रिक टन सेब की खरीद हो चुकी है, जिनमें से 7 हजार मीट्रिक टन सेब को आगे भेजा जा चुका है।
शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा प्रभावित लोगों को शीघ्र राहत व सहायता प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि प्रत्येक प्रभावित परिवार को अधिक से अधिक सहायता दी जाए ताकि वे सामान्य जीवन की ओर लौट सकें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सभी विभागों की प्राथमिकता यह होनी चाहिए कि राहत सामग्री समय पर लोगों तक पहुंचे।
उन्होंने बताया कि अब तक उपमंडल में 8 मकान पूरी तरह और 40 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। सरकार द्वारा आपदा राहत मैनुअल में ऐतिहासिक संशोधन किए गए हैं, जिसके तहत अब प्रभावितों को पहले से अधिक राहत राशि दी जा रही है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
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