New Delhi, 15 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . दिल्ली उच्च न्यायालय ने रेप केस में गिरफ्तार ललित मोदी के भाई समीर मोदी को मिली जमानत को निरस्त करने की मांग पर समीर को नोटिस जारी किया है. जस्टिस संजीव नरुला ने रेप की शिकायतकर्ता की याचिका पर अगली सुनवाई 20 नवंबर को करने का आदेश दिया है.
समीर मोदी पर रेप का आरोप लगाने वाली शिकायतकर्ता महिला ने साकेत कोर्ट से मिली जमानत को निरस्त करने की मांग की है. साकेत कोर्ट ने 25 सितंबर को समीर मोदी को जमानत दी थी. साकेत कोर्ट के एडिशनल सेशंस जज विपिन खरब ने समीर मोदी को जमानत देने का आदेश दिया था.
साकेत कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने समीर मोदी की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता एक प्रभावशाली व्यक्ति है और उसके भागने का अंदेशा है.
समीर मोदी को 18 सितंबर को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था. समीर मोदी के खिलाफ 2019 में शादी का झांसा देकर रेप करने का आरोप लगाते हुए दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कालोनी थाने में एफआईआर दर्ज किया गया था. शिकायतकर्ता महिला ने 10 सितंबर को शिकायत की थी जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज किया गया था. एफआईआर दर्ज होने के बाद समीर मोदी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया था.
शिकायत के मुताबिक रेप करने के बाद समीर मोदी ने शिकायतकर्ता महिला की ब्लैकमेलिंग की और उसे धमकियां दी. महिला के मुताबिक समीर मोदी ने रेप की शिकायत करने पर उसे और उसके परिवार को जान से मारने की भी धमकी दी. समीर मोदी के वकील के मुताबिक ये केस झूठा है और धन ऐंठने के लिए दर्ज कराया गया है.
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा
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