मंडी, 01 जुलाई (Udaipur Kiran) । मंडी जिला में भारी मूसलाधर बारिश के बीच आइ जगह बादल फटने की घटनाएं सामने आई है। जिससे अब तक चार लोगों की मौत और 20 के आसपास लोगों के लापता होने की सूचना है। जबिक दो दर्जन के आसपास छोटे और बड़े पुल बह गए हैं और 50 के आसपास सड़कें बंद होने से कई जगहों का यातायात बाधित हुआ है।
चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय उच्च मार्ग फोरलेन पर भी जगह -जगह भूस्खलन और सड़कें टूटने की घटनाएं सामने आई है। थलौट के पास टनल 13 के पास रातभर पहाड़ी से पत्थर गिरते रहे और यात्रियों ने टनल के अंदर की रात गुजारी। इधर, पठानकोट मंडी राष्ट्रीय उच्चमार्ग पर निर्माणाधीन बिजणी टनल के मुहाने पर भूस्खलन होने से टनल के दोनों मुहाने बंद हो गए हैं। सबसे अधिक नुक्सान सराज, करसोग और धर्मपुर में हुआ है। सराज के थुनाग, जंजैहली, बगसियाड, कुकलाह, थाची और गाड़ागुशेनी इलाके में भारी भूस्खलन से 50 के आसपास घर ढह गए हैं जबकि एक दर्जन पुल भी बाढ़ की चपेट में आए हैं। इसके बाद नाचन के सियांज में पंगलिउर गांव में 9 लोग बाढ़ में बह गए और उनके दो मकान भी इसकी चपेट में आ गए।
उपमंडल गोहर की स्यांज पंचायत के पंगलियुर गांव में देर रात हुई इस भारी बारिश के चलते एक दर्दनाक हादसा पेश आया है। भारी बारिश के कारण गांव में भूस्खलन हुआ जिसमें दो परिवारों के 9 लोग अपने घर सहित मलबे के साथ वह गए हैं। जानकारी के अनुसार, झाबे राम और पदम सिंह के परिवारों के मकान भूस्खलन की चपेट में आ गए। झाबे राम के परिवार के सात सदस्य, जबकि पदम सिंह और उनकी पत्नी देवकु देवी भी अपने मकान सहित लापता बताए जा रहे हैं। घटनास्थल पर तवाही का मंजर बना हुआ है। घर का लेंटर ज्युनी खड़ में दिख रहा है और प्रभावित घरों का कोई नामोनिशान शेष नहीं बचा है। प्रशासन की ओर से राहत व बचाव कार्य जारी है और एनडीआरएफ टीम को भी मौके पर बुलाया गया है। क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण हालात और भी गंभीर बने हुए हैं, जिससे राहत कार्यों में बाधा आ रही है।
प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां भू-संवेदनशीलता अधिक है।
इधर करसोग में भी कई जगह बादल फटने से कई घर बह गए और पांच लोग इसकी चपेट में आए जिसमें से दो के शव बरामद हो गए जबकि तीन की तलाश जारी है।
इधर, धर्मपुर में लौंगनी पंचायत का स्योठी गांव भूस्खलन की चपेट में आ गया जिसमें 12 से 15 घर जमींदोज हो गए। यहां लोगों ने जंगल की ओर भागकर जान बचाई। सरी और दूसरे गांव में भी कई घर भूस्खलन की भेंट चढ़े। पंडोह बाजार में रात 12 बजे अफरा तफरी मच गई जब बाखली और स्यांज की तरफ से जीयूनी खड्ड ने रौद्र रूप धारण कर पानी सड़क तक पहुंचाया। लोगों ने अपनी दुकानें और घर खाली करवाये और रात खुले में बिताई।
मंडी शहर में महामृत्युंजय मंदिर के नाले में भयंकर बाढ़ आ गई जिससे कई घर और दुकानों में पानी घुस गया। इधर सकोढी नाला में बाढ़ का पानी लोगों के घरों में घुस गया और लोगों ने भागकर जान बचाई। प्रशासन ने रात से ही अलग अलग टीमें तैनात की लेकिन बचाव एवम राहत कार्यों में मूसलाधार बारिश रोड़ा बनी। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ जवानों ने कई लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया। दोपहर बाद बारिश रुक गई लेकिन सड़कें बहाल न होने से प्रशासन कई इलाकों में प्रभावितों तक नहीं नहीं पहुंच पाया।
उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कहा कि जगह जगह मार्ग बंद होने से परेशानी आई लेकिन हमने उपमंडल स्तर पर टीमें पैदल ही गांव गांव भेजी।
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(Udaipur Kiran) / मुरारी शर्मा
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