सवाई माधोपुर, 30 अप्रैल . प्रसिद्ध रणथंभौर दुर्ग में बुधवार काे उस समय हड़कंप मच गया जब त्रिनेत्र गणेश मंदिर के मार्ग पर एक टाइगर अचानक श्रद्धालुओं के सामने आ गया. यह घटना सुबह की है, जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर के दर्शन के लिए जा रहे थे. बाघ लगभग बीस मिनट तक दीवार और मुख्य मार्ग पर चहलकदमी करता रहा, जिससे श्रद्धालुओं में भय और अफरा-तफरी मच गई.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पहले टाइगर मंदिर मार्ग की दीवार पर दिखाई दिया, फिर धीरे-धीरे नीचे उतरकर सीधे रास्ते पर आ गया. लोगों ने जैसे-तैसे खुद को सुरक्षित स्थानों पर छिपाया. कुछ श्रद्धालु भय के कारण वहीं रुक गए, जबकि कुछ ने जान जोखिम में डालकर वापसी की राह पकड़ी. इस घटना से एक बार फिर रणथंभौर दुर्ग की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं.
वन विभाग ने फिलहाल टाइगर की पहचान नहीं की है, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि यह बाघिन ऐरोहेड के शावकों में से एक हो सकता है. उ
ल्लेखनीय है कि रणथंभौर दुर्ग क्षेत्र में ऐरोहेड और उसके शावकों की गतिविधियां लंबे समय से देखी जा रही हैं.
इससे पहले 16 अप्रैल को इसी मार्ग पर ऐरोहेड की मादा शावक द्वारा किए गए हमले में सात वर्षीय बालक कार्तिक सुमन की दुखद मृत्यु हो गई थी. इस घटना के बाद वन विभाग ने सुरक्षा के मद्देनज़र मंदिर मार्ग को नाै दिनों के लिए बंद कर दिया था. जब मार्ग को दोबारा खोला गया, तो दावा किया गया कि अब रास्ता पूरी तरह सुरक्षित है. मगर हकीकत यह है कि रास्ता खुलने के बाद से लगातार बाघों की मूवमेंट देखी जा रही है.
बुधवार की घटना के दौरान बाघ एक बार श्रद्धालुओं की ओर बढ़ा भी, जिससे भय का माहौल और भी गहरा गया. स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं की मांग है कि वन विभाग स्थायी समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए और इस मार्ग की सुरक्षा सुनिश्चित करे, ताकि किसी भी श्रद्धालु की जान खतरे में न पड़े.
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/ रोहित
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