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मप्र के हर ग्राम पंचायत में बनेंगे सुव्यवस्थित एवं निर्बाध पहुंच वाले श्मशानघाट

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– 5वें राज्य वित्त आयोग मद में प्राप्त राशि से होगा विकास

– पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा दिशा-निर्देश जारी

भोपाल, 5 सितम्बर (Udaipur Kiran) । मध्‍य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के संकल्प के अनुसार वित्तीय वर्ष 2025-26 में 5वें राज्य वित्त आयोग के अंतर्गत अधोसंरचना विकास अनुदान मद की राशि से प्रदेश में सुव्यवस्थित श्मशान घाटों का विकास किया जायेगा। श्मशान घाटों के विकास कार्यों के संबंध में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं। सभी जिला कलेक्टर एवं जिला पंचायत के सीईओ को कार्यवाही करने के निर्देश दिए गये हैं।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने शुक्रवार को बताया कि मध्य प्रदेश शासन आमजन के लिये प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय एवं प्रत्येक आश्रित ग्राम में वित्तीय वर्ष 2025-26 तक न्यूनतम एक सुव्यवस्थित, सुरक्षित एवं सहज तथा बारहमासी निर्बाध पहुंच वाले श्मशान घाट की उपलब्धता के लिये प्रतिबद्ध है। ग्रामों में श्मशान घाटों के विकास के लिये त्रिस्तरीय पंचायत राज प्रशासन से न्यूनतम आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराये जाने की अपेक्षा की गई है। इसके लिए आवश्यक है कि प्रत्येक ग्राम में श्मशान मद के लिये आवश्यक भूमि आरक्षित हो। आरक्षित भूमि की संपूर्ण रूप से फेंसिंग की गई हो। स्थल पर पहुंचने के लिये साल के बारहों महीने निर्बाध एवं सहज पहुंच मार्ग उपलब्ध हो। श्मशान मद में आरक्षित भूमि अतिक्रमण से मुक्त हो।

इन मापदण्डों की अनुपलब्धता की स्थिति में प्रत्येक ग्राम पंचायत को राजस्व अभिलेखों से यह ज्ञात करना होगा कि ग्राम पंचायत के किस ग्राम में पहले से श्मशान घाट के लिये भूमि आरक्षित होकर श्मशान घाट है और किस ग्राम में नहीं है। प्रत्येक ग्राम पंचायत को प्रत्येक ग्राम में, जिसमें श्मशान के लिये भूमि उपलब्ध नहीं है, आवश्यक उपयुक्त भूमि आरक्षित कराने के लिये मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता के अंतर्गत संबंधित जिला कलेक्टर को आवेदन कर भूमि आरक्षित करानी होगी। जहां पहले से श्मशान घाट है और आरक्षित भूमि की यदि समुचित फेंसिंग नहीं है, तो उस भूमि की फेंसिंग प्रमुख अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा द्वारा तैयार किये गये मानकों के आधार पर कराई जाये। चेन लिंक के लिये प्राक्क्लन के अनुसार अथवा स्थानीय बोल्डरों, पत्थरों से निर्मित खखरी के द्वारा की जा सकेगी।

श्मशान घाट तक निरापद रूप से पहुंचने के लिये समुचित मार्ग उपलब्ध नहीं हो अथवा मार्गों में पुलिया/रपटा नहीं होने के कारण बरसात के दिनों में आवागमन दुष्कर होता है, ऐसे स्थलों पर निर्बाध पहुंच के लिये आवश्यकतानुसार समीपवर्ती मार्ग से श्मशान स्थल तक 3.75 मीटर (लगभग) चौड़ाई की सी.सी. रोड और यथाआवश्यक पुलिया/रपटा भी बनाया जाये। आवश्यक भूमि की अनुपलब्धता की स्थिति में जिला कलेक्टर से निर्धारित प्रक्रिया से मार्ग निर्धारण कराये जाने की कार्यवाही की जाये। श्मशान घाट के लिये पूर्व से आरक्षित भूमि पर यदि किसी भी प्रकार का अतिक्रमण है तो संबंधित सीईओ जिला पंचायत द्वारा राजस्व एवं पंचायत अमले के सहयोग से तत्काल अतिक्रमण हटाये जाने की कार्यवाही करायी जाकर आरक्षित भूमि पर फेंसिंग की जाये।

ये समस्त कार्य ग्राम पंचायतों को 5वें राज्य वित्त आयोग अंतर्गत अधोसंरचना विकास अनुदान मद के तहत प्रदाय की जाने वाली राशि से किये जायेंगे। इसके बाद अवशेष राशि का व्यय किसी अन्य कार्य पर किया जा सकेगा। आवश्यकता होने पर अन्य योजनाओं की राशि से नियमानुसार अभिसरण अनुमत्य होगा। इसके लिये आवश्यक जनभागीदारी एवं जनसहयोग भी प्राप्त किया जा सकता है। यदि ग्राम पंचायत के खाते में पूर्व से 5वें वित्त मद की राशि उपलब्ध है तो उस राशि से कार्य तत्काल प्रारंभ कराये जायेंगे।

ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायत सचिव, रोजगार सहायक, पंचायत समन्वय अधिकारी तथा उपयंत्री उत्तरदायी रहेंगे। इसी प्रकार जनपद स्तर पर सहायक यंत्री, कार्यक्रम अधिकारी/सीईओ जनपद पंचायत, खण्ड पंचायत अधिकारी और जिला स्तर कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, अतिरिक्त सीईओ जिला पंचायत/परियोजना अधिकारी तथा पंचायत सेल उत्तरदायी होंगे।

(Udaipur Kiran) / उम्मेद सिंह रावत

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