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मप्र में हेलीकॉप्टर और बोमा तकनीक से कृष्ण मृगों को पकड़ने का अभियान शुरू

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– देश में इस तरह का यह पहला अभियान, 34 कृष्णमृगों को पकड़कर गाँधीसागर वन्यजीव अभयारण्य जंगल में छोड़ा

भोपाल, 22 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . Madhya Pradesh में Chief Minister डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर दक्षिण अफ्रीका की कंजरवेशन सॉल्यूशंस एवं वन विभाग की टीम द्वारा हेलीकॉप्टर और बोमा तकनीक से कृष्ण मृगों (काला हिरण) को पकड़ने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया गया है. खेतों की फसलों को वन्य-जीवों से बचाने के लिए देश में यह इस तरह का पहला अभियान है, जो कि पश्चिम Madhya Pradesh के राजस्व क्षेत्र शाजापुर जिले में शुरू किया गया है.

क्षेत्र के मुख्य वन संरक्षक एम.आर. बघेल ने बताया कि बुधवार को इस अभियान के तहत शाजापुर जिले के कालापीपल तहसील के इमलीखेड़ा गाँव से 34 काले हिरणों को किसानों के खेतों से पकड़ कर गाँधी सागर वन्य-जीव अभयारण्य के जंगल में छोड़ा गया. इससे किसानों की फसल नुकसान में कमी आयेगी. शाजापुर जिले में 5 नवम्बर तक यह अभियान चलेगा. उन्होंने बताया कि इस तकनीक से किसी भी वन्य-जीव को कोई नुकसान नहीं हुआ है. जिले में 400 काले हिरण और 100 नीलगाय पकड़ने का लक्ष्य रखा गया है.

उन्होंने बताया कि बोमा तकनीक दक्षिण अफ्रीका में विकसित की गई है और इसमें वन्यजीवों को बिना ट्रैंक्युलाइज यानी बेहोश किए बिना ही सुरक्षित रूप से स्थानांतरित किया जाता है. प्रक्रिया की शुरुआत हेलीकॉप्टर से की जाती है, जो जानवरों को धीरे-धीरे एक बड़े घेरे की ओर बढ़ाता है. बोमा तकनीक एक अफ्रीकी वन्यजीव प्रबंधन तकनीक है, जिसमें जानवरों को फनल (कीप) के आकार की बाड़ के माध्यम से एक केंद्रीय बाड़े में फंसाया जाता है. यह फनल, जिसे घास और हरे जाल से ढका जाता है जिससे यह जानवरों के लिए अपारदर्शी हो, जानवरों को वाहन में लोड करके दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने में मदद करता है.

(Udaipur Kiran) तोमर

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