Next Story
Newszop

सरकार के लिए पीएसी और सीएजी अलार्म का काम करती है : विजेंद्र गुप्ता

Send Push

नई दिल्ली, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । सरकार के लिए लोक लेखा समिति (पीएसी) और भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) एक अलार्म की तरह काम करती हैं, जिनका उद्देश्य सरकार को कार्रवाई के लिए प्रेरित करना और जवाबदेही सुनिश्चित करना है। यह बात सोमवार को दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने मेघालय विधानसभा की लोक लेखा समिति के सदस्यों से मुलाकात के दौरान विधानसभा परिसर में कही। यह प्रतिनिधिमंडल 12 से 14 जुलाई तक हैदराबाद, विशाखापत्तनम और दिल्ली के अध्ययन दौरे पर है। अध्यक्ष ने सोमवार को सभी सदस्यों का स्वागत करते हुए अंतर-विधायी संवाद और ज्ञान साझाकरण के प्रति उनके समर्पण की सराहना की।

प्रतिनिधिमंडल में लोक लेखा समिति के अध्यक्ष चार्ल्स पायंगरॉप, लाहकमें रिंबुई, गेविन मिगुएल मायलियेम, रूपर्ट मोमिन, रूपा एम मारक, सेंगचिम एन संगमा, जिमी डी संगमा, इयान बोथम के संगमा एवं बालाजिएद कूपर सिनरेम शामिल रहे। इस दौरे का उद्देश्य अन्य राज्य विधानमंडलों के साथ विचारों और सर्वोत्तम प्रक्रियाओं का आदान-प्रदान करना है। दिल्ली विधानसभा के उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट और लोक लेखा समिति के सभापति अजय महावर भी बैठक में उपस्थित रहे।

इस अवसर पर गुप्ता ने मेघालय की जनसांख्यिकी और लोक लेखा समिति की संरचना के बारे में जानकारी ली। इस पर चार्ल्स पायंगरॉप ने बताया कि मेघालय एक मातृसत्तात्मक राज्य है, जहां मुख्य रूप से ख़ासी, जयंतिया और गारो जनजातियां निवास करती हैं। यह राज्य संविधान की छठी अनुसूची के अंतर्गत आंशिक रूप से स्वायत्त जिला परिषदों द्वारा शासित होता है, जो जनजातीय हितों की रक्षा करते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि लोक लेखा समिति में अध्यक्ष सहित कुल दस सदस्य हैं, और आम तौर पर संतुलित निगरानी सुनिश्चित करने के लिए अध्यक्ष विपक्ष से होता है।

विधानसभा अध्यक्ष गुप्ता ने प्रतिनिधिमंडल को दिल्ली विधानसभा में लागू ऑडिट पैरा मॉनिटरिंग सिस्टम के बारे में जानकारी दी, जो वित्तीय जवाबदेही को सशक्त बनाता है। इस दौरान मेघालय की पीएसी के सदस्यों ने वित्तीय निगरानी पर अपने विचार साझा किए और विधायी समितियों को और अधिक प्रभावी बनाने के उपायों पर चर्चा की।

—————

(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव

Loving Newspoint? Download the app now