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जींद में नौकरी के नाम पर महिला से धोखधाड़ी

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-छह लोगों से लिए 74 लाख, खुद को सीएम का नजदीकी बताया

जींद, 22 अगस्त (Udaipur Kiran) । हरियाणा के जींद नगर में सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा देकर महिला समेत छह लोगों से 74 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने का मामला सामना आया है। इस मामले में सिविल लाइन थाना पुलिस ने पानीपत के दंपत्ती के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

सिविल लाइन थाना को दी शिकायत में जींद की डिफेंस कॉलोनी की महिला सुदेश ने बताया कि उसके घर के पास ही जिम है और वह जिम में प्रैक्टिस के लिए जाती थी। उसी जिम में पानीपत जिले के मतलोढा का मनोज नाम का व्यक्ति आता था और एक्सरसाइज व डाइट की जानकारी देता था। उसकी मनोज के साथ जान-पहचान थी। मनोज ने खुद को सीएम नायब सिंह सैनी का नजदीकी बताया और कहा कि वह लोगों को नौकरी दिलवाने का काम करता है। अगस्त 2024 के आसपास उसकी तबियत खराब हो गई तो मनोज अपनी पत्नी मीना के साथ उससे मिलने के लिए आया। उसकी पत्नी ने भी कहा कि मनोज की रेलवे, यूनिवर्सिटी, इन्कम टैक्स डिपार्टमेंट में अच्छी जान-पहचान है। आरोपिताें ने मुख्यमंत्री के साथ मनोज की फोटो भी फोन में दिखाई। इससे उसे विश्वास हो गया। मनोज ने बताया कि पुलिस विभाग में करनाल में क्लर्क का पद खाली पड़ा है। इसके लिए 10 लाख रुपये लगेंगे। पांच लाख रुपये एडवांस देने होंगे। बाकी के ज्वाइनिंग के बाद। सुदेश ने बताया कि उसने 22 अगस्त 2024 को अपने देवर कुलदीप की पुत्रवधू प्रति के कागज व पांच लाख रुपये मनोज को नौकरी के लिए दे दिए। 16 दिसंबर 2024 को डाक द्वारा प्रीति का ज्वाइनिंग लेटर मिल गया। पत्र में ज्वाइनिंग मार्च 2025 तक करवाने के लिए कहा गया था। इस पर एडीजीपी हेडक्वार्टर पंचकूला की मोहर भी लगी थी। इसलिए उसने यकीन कर लिया। इसके बाद बाकी के पांच लाख रुपये भी मनोज ने ले लिए। इसके बाद मनोज ने कहा कि रेलवे लोको पायलट में भी दो पोस्ट निकली हैं। इस पर उसके जानकार झज्जर जिले के दुल्हेड़ा निवासी अंजू, बराह खुर्द निवासी विशाल के कागज मनोज के पास भेज दिए। मनोज ने उसे बीच में लेकर अंजू और विशाल से छह-छह लाख रुपये ले लिए। अंजू और विशाल का राजस्थान के कोटा में फर्जी मेडिकल भी करवा दिया। घर के पते पर वेरिफिकेशन लेटर भिजवा दिया और दिल्ली बुलाकर एक जगह पर उनके कागज भी वेरिफाई कर के उन्हें वापस भेज दिया। 17 मार्च 2025 को अंजू और विशाल के घर के पते पर ज्वायनिंग लेटर भेज दिए गए। जब वो ज्वायन करने के लिए गई तो पता चला कि वहां कोई भर्ती ही नहीं की गई। इसके बाद किसी को भी ज्वायनिंग नही मिली तो उन्होंने मनोज से संपर्क साधा रुपये वापस मागे। कुछ दिन बाद जींद के दिए गए पते पर मनोज से मिलने के लिए वह गई तो पता चला कि मनोज मकान छोड़ कर भाग गया है। पानीपत में मतलोडा जाकर भी मनोज से रुपये वापस मांगे गए लेकिन उसने रुपये वापस नही दिए और धमकी दी। सिविल लाइन थाना पुलिस ने मनोज व उसकी पत्नी मीना के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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(Udaipur Kiran) / विजेंद्र मराठा

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