झांसी, 27 अगस्त (Udaipur Kiran) । बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के 30वें दीक्षांत समारोह की मुख्य अतिथि एवं डीआरडीओ की वैज्ञानिक डॉ. चंद्रिका कौशिक ने सभी उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि इस वीरभूमि में स्थापित विश्वविद्यालय में आकर वे गर्व और सम्मान का अनुभव कर रही हैं।
डॉ. कौशिक ने कहा कि छात्रों की प्रगति से ही राष्ट्र और विश्व का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी ही तकनीकी बदलाव और शोध की रीढ़ है। इसलिए छात्रों को चाहिए कि वे नई तकनीकों पर काम कर देश को आत्मनिर्भर और विश्व में अग्रणी बनाने में भूमिका निभाएं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, फोर ईयर डिग्री प्रोग्राम, नेशनल रिसर्च फाऊंडेशन, शिक्षा का अंतरराष्ट्रीयकरण (विदेशी विश्वविद्यालयों से MOU), विश्वविद्यालय की स्वायत्तता, इनोवेशन हब और इनक्यूबेशन सेंटर जैसे पहल ने शिक्षा जगत को पूरी तरह रूपांतरित किया है। इन बदलावों से आने वाले समय में उद्योगोन्मुखी स्नातक तैयार होंगे और यूनिवर्सिटी-इंडस्ट्री पार्टनरशिप और अधिक मजबूत होगी। मुख्य अतिथि ने कहा कि रिसर्च, पेटेंट और इनोवेशन से ही स्टार्टअप इंडिया आंदोलन को मजबूती मिली है। इंडस्ट्रियल थिंकिंग के चलते भारत आज विश्व की कई समस्याओं का समाधान करने में सक्षम है।
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत
डॉ. कौशिक ने कहा कि भारत आज रक्षा क्षेत्र में तेजी से आत्मनिर्भर हो रहा है। उन्होंने उल्लेख किया कि तेजस एयरक्राफ्ट, अर्जुन टैंक, नेत्र रडार, अग्नि मिसाइल, सोनार, टॉरपीडो और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर टेक्नोलॉजी के माध्यम से भारत ने विश्व में अपनी अलग पहचान बनाई है। उन्होंने बताया कि भारत अब स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर भी बना रहा है। उन्होंने बताया कि डीआरडीओ आज शैक्षणिक संस्थानों और भारतीय उद्योगों के साथ मिलकर नई प्रणालियों का विकास कर रहा है, जो भविष्य में विश्व में अग्रणी होंगी। इस अवसर पर उन्होंने बुंदेलखंड विश्वविद्यालय द्वारा स्थापित DST टेक हब की भी सराहना की।
युवाओं से आह्वान,चुनौतियों से न डरें
डॉ. कौशिक ने युवाओं से कहा कि वे चुनौतियों से डरें नहीं बल्कि उनका सामना करें, उनसे सीखें और आगे बढ़ें। उन्होंने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री ने स्वावलंबन और आत्मनिर्भर भारत का मंत्र दिया है, जिसके परिणामस्वरूप पिछले दस वर्षों में भारत ने रक्षा क्षेत्र में नई ऊंचाइयां हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक प्रणाली को मजबूत बनाने और देश को आर्थिक रूप से समृद्ध करने के लिए शिक्षा, कौशल और मूल्यों पर आधारित समाज का निर्माण आवश्यक है। यह जिम्मेदारी युवाओं की है, क्योंकि भारत की आधे से अधिक आबादी 35 वर्ष से कम आयु वाले युवाओं की है।
तकनीक आधारित होगा भविष्य
उन्होंने ने कहा कि भारत आने वाले वर्षों में रक्षा उत्पादन और निर्यात के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियां हासिल करेगा। डॉ. कौशिक ने कहा कि आने वाला समय पूरी तरह तकनीक पर आधारित होगा। भारत को इस चुनौती के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, बायोटेक्नोलॉजी और रिन्यूएबल टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में वैश्विक श्रेष्ठता हासिल करनी होगी।
रक्षा उत्पादन और निर्यात में तेजी
उन्होंने बताया कि भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लक्ष्य रखा है कि वर्ष 2029 तक भारत लगभग 50 हज़ार करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात करेगा। इसके साथ ही रक्षा उत्पादन की राशि लगभग 3 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच जाएगी।
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(Udaipur Kiran) / महेश पटैरिया
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