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लंदन में इजराइली बंधकों की रिहाई की मांग को लेकर मार्च, मध्य पूर्व तनाव ने बढ़ाई ब्रिटेन में हलचल

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लंदन, 10 अगस्त (Udaipur Kiran) । गाजा युद्ध के बीच ब्रिटेन में बढ़ते तनाव के माहौल में रविवार को लंदन के मध्य क्षेत्र में इजराइली बंधकों की रिहाई की मांग को लेकर लोगों ने मार्च किया। प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री आवास तक रैली निकालने की योजना के साथ आगे बढ़े।

मार्च में हिस्सा लेने वालों में नोआ गुटमैन भी शामिल थीं, जो 24 वर्षीय बंधक एव्यातर डेविड की चचेरी बहन हैं। डेविड को पिछले सप्ताह हमास द्वारा जारी एक वीडियो में दिखाया गया था, जिसमें वे गाजा की सुरंग में अपना ही कब्रगड्ढा खोदते हुए बेहद कमजोर हालत में नजर आए। इस वीडियो ने इजराइल में गुस्सा भड़का दिया था।

उल्लेखनयी है कि 07 अक्टूबर 2023 को हमास-नेतृत्व वाले उग्रवादियों ने इजराइल पर हमले के दौरान 251 लोगों को अगवा किया था। इनमें से करीब 50 अब तक रिहा नहीं हुए हैं और अनुमान है कि 20 जीवित हैं।

इजराइल ने पिछले सप्ताह गाजा सिटी पर कब्जा करने की योजना की घोषणा की थी, जिसे युद्ध समाप्त करने और बंधकों को छुड़ाने की रणनीति का हिस्सा बताया गया। हालांकि, बंधकों के परिजन और कई अंतरराष्ट्रीय नेता इस योजना की आलोचना कर चुके हैं, उनका कहना है कि इससे और खून-खराबा होगा और बंधकों की जान पर खतरा बढ़ेगा।

मार्च आयोजित करने वाले संगठनों के गठबंधन ‘स्टॉप द हेट’ ने बयान जारी कर कहा, “हम एकजुट होकर एक स्पष्ट और तत्काल मांग रखते हैं: सभी बंधकों की तुरंत और बिना शर्त रिहाई। हमारी राजनीतिक विचारधाराएं भले अलग हों, लेकिन यह राजनीतिक नहीं, मानवीय मुद्दा है।”

यह मार्च उस घटना के एक दिन बाद हुआ, जब पुलिस ने एक प्रतिबंधित प्रो-फिलिस्तीन संगठन के समर्थन में हुए प्रदर्शन से 532 लोगों को गिरफ्तार किया। प्रदर्शनकारियों का उद्देश्य सरकार पर दबाव डालना था कि वह ‘पैलेस्टाइन एक्शन’ पर लगे प्रतिबंध को वापस ले।

मेट्रोपॉलिटन पुलिस के अनुसार, 522 लोगों को ‘पैलेस्टाइन एक्शन’ के समर्थन में गिरफ्तार किया गया, जबकि 10 अन्य पर पुलिसकर्मियों पर हमले समेत अलग-अलग आरोप लगे।

ब्रिटिश सरकार ने पिछले महीने ‘पैलेस्टाइन एक्शन’ को आतंकी संगठन घोषित करते हुए प्रतिबंधित कर दिया था। यह निर्णय उस घटना के बाद आया, जब कार्यकर्ताओं ने रॉयल एयर फोर्स बेस में घुसकर दो टैंकर विमानों को नुकसान पहुंचाया था, जो गाजा युद्ध में ब्रिटिश समर्थन के विरोध में किया गया था। यह संगठन पहले भी इजराइली रक्षा ठेकेदारों और ब्रिटेन में मौजूद ऐसे स्थलों को निशाना बनाता रहा है, जिनके इज़रायली सेना से संबंध होने का वह दावा करता है।

‘पैलेस्टाइन एक्शन’ के समर्थक इस प्रतिबंध को अदालत में चुनौती दे रहे हैं, उनका कहना है कि सरकार ने सीधे कार्रवाई करने वाले एक समूह को आतंकी संगठन घोषित कर हद से आगे बढ़ने का काम किया है।

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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय

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