राजगढ़, 1 मई . अक्षय तृतीया के शुभ मुहुर्त में ब्यावरा नगर में एक अनोखा विवाह देखने में आया, जिसमें दूल्हा बारात अस्पताल में लेकर पहुंचा,जहां बीमार दुल्हन को गोद में लेकर सात फेरे लिए साथ ही अस्पताल परिसर में विवाह की सभी रस्में निभाई गई, जिसे देखकर 2006 में बनी फिल्म विवाह की यादें ताजा हुई.
जानकारी के अनुसार परमसिटी काॅलोनी ब्यावरा निवासी वीरेन्द्रसिंह बैस के पुत्र आदित्यसिंह का विवाह कुंभराज निवासी बलवीरसिंह की पुत्री नंदिनी के साथ अक्षय तृतीया के शुभ मुहुर्त पर 30 अप्र्रैल को होना तय हुआ था, लेकिन विवाह के सात दिन पहले वधु नंदिनी का टाइफाइड बिगड़ गया, जिसके चलते उसे ब्यावरा के पंजाबी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया, जिसकी तबीयत में सुधार हुआ, लेकिन चिकित्सकों ने बेड रेस्ट की सलाह दी. इस स्थिति को देखते हुए परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन से बातचीत कर अस्पताल में ही विवाह करने का निर्णय लिया.
अस्पताल में आर्कषक विधुत साज-सज्जा की गई साथ ही परिसर में ही मंडप सजाया गया और मुहुर्त के हिसाब से गुरुवार अल्सुबह परिजनों की मौजूदगी में दूल्हे आदित्यसिंह ने दुल्हन नंदिनी को गोद में उठाकर सात फेरे लिए. परिजनों ने यह निर्णय इसलिए भी लिया कि विवाह का योग दो साल बाद बन रहा था और परिजन नही चाहते थे कि विवाह को आगे बढ़ाया जाए.
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/ मनोज पाठक
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