शिमला, 15 अगस्त (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में बारिश का दौर लगातार जारी है। बीती रात भी कई जिलों में भारी बारिश हुई, वहीं राजधानी शिमला और आसपास के इलाकों में आज सुबह से बादल छाए हैं। मौसम विभाग ने 20 अगस्त तक प्रदेश के कई हिस्सों में भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है। आज कांगड़ा, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश का अनुमान है, जबकि 21 अगस्त तक मौसम खराब रहने की संभावना जताई गई है। लगातार हो रही वर्षा से भूस्खलन की घटनाएं बढ़ रही हैं और सड़क, बिजली व पेयजल आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हो रही है।
कई जिलों में रिकॉर्ड हुई भारी वर्षा
मौसम विभाग के अनुसार बीती रात मंडी जिले के जोगिंदरनगर में सबसे अधिक 106 मिमी बारिश दर्ज हुई। इसके अलावा कांगड़ा के पालमपुर में 102, हमीरपुर के भरेड़ी में 75, शिमला के नारकंडा में 66, कांगड़ा के धर्मशाला में 65, बिलासपुर के नैना देवी में 64, कांगड़ा में 62 और सिरमौर मुख्यालय नाहन में 57 मिमी वर्षा हुई।
3 नेशनल हाइवे और 455 सड़कें बंद
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार शुक्रवार सुबह तक हिमाचल में 3 नेशनल हाइवे और 455 सड़कें बंद थीं। सबसे अधिक 210 सड़कें मंडी जिले में प्रभावित हुईं। इसके अलावा कुल्लू में 73, शिमला में 58, चंबा में 38, कांगड़ा में 25 और सिरमौर में 17 सड़कें बाधित रहीं। कुल्लू जिला में नेशनल हाइवे 305 जहेड खनग के पास अवरुद्ध है। इसी तरह सिरमौर जिला में एनएच 707 और किन्नौर जिला में एनएच-5 बाधित है।
681 ट्रांसफार्मर और 182 पेयजल योजनाएं ठप
भारी बारिश के कारण प्रदेशभर में 681 बिजली ट्रांसफार्मर ठप हो गए हैं। इनमें सिरमौर के 187, लाहौल-स्पीति के 145, सोलन के 130, मंडी के 81 और किन्नौर के 48 ट्रांसफार्मर शामिल हैं। इसी तरह 182 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं, जिनमें मंडी की 58, शिमला और कांगड़ा की 41-41 तथा हमीरपुर की 23 योजनाएं शामिल हैं।
अब तक 247 मौतें और 36 लापता
इस मानसून सीजन में अब तक हिमाचल में 247 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 36 लोग लापता हैं और 329 घायल हुए हैं। मृतकों में मंडी के 47, कांगड़ा के 40, चंबा के 27, शिमला और कुल्लू के 22-22, किन्नौर के 17, हमीरपुर और सोलन के 16-16, ऊना के 14, बिलासपुर के 10, सिरमौर के 9 और लाहौल-स्पीति के 7 लोग शामिल हैं।
2,104 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान
प्रदेश में अब तक 2,308 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 545 पूरी तरह ढह गए हैं। इसके अलावा 359 दुकानें और 2,113 पशुशालाएं भी नष्ट हुई हैं।सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 2,104 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। इसमें सबसे अधिक हानि लोक निर्माण विभाग को हुई है, जिसे 1,151 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है। जलशक्ति विभाग को भी 697 करोड़ रुपये की क्षति हुई है। अब तक 60 भूस्खलन, 71 बाढ़ और 34 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
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