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आ गया है शुभ दिन! भगवन श्रीजगन्नाथ खुद आएंगे भक्तों के द्वार

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– ‘जय जगन्नाथ’ की गूंज के साथ सज रहा शहर, 27 जून को निकलेगा भव्य रथ

– तीन रथ, तीन देव… उमड़ेगा आस्था का महासागर, मिलेगा बैकुंठ पहुंचने का पुण्य

मीरजापुर, 25 जून (Udaipur Kiran) । सजने लगे हैं रथ… गूंजने लगी है ‘जय जगन्नाथ’ की गूंज… कंधे कसे जा रहे हैं, ध्वज लहरा रहे हैं! आ गया है शुभ दिन, जब भगवान श्रीजगन्नाथ खुद भक्तों के द्वार आएंगे। आगामी 27 जून (शुक्रवार) को जब भगवान श्रीजगन्नाथ रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे, तब भक्तों को रथ खिंचाने, प्रभु को देखने और पुण्य कमाने का मौका मिलेगा।

नारघाट स्थित उत्सव भवन में बुधवार को प्रेसवार्ता में श्रीजगन्नाथ रथयात्रा प्रबंध समिति ने इस भव्य आयोजन का न्योता पूरे नगर को दिया। समिति ने कहा कि ये कोई आम आयोजन नहीं, ये उस परंपरा की महागाथा है जो सदियों से हर दिल में बसी है। संरक्षक रविशंकर साहू ने बताया कि रथयात्रा सुबह 6 बजे श्रीठाकुर राम मंदिर गजिया टोला से प्रारंभ होकर त्रिमोहानी पहुंचेगी, जहां दिनभर दर्शन-पूजन होगा और शाम 4 बजे भव्य महाआरती की जाएगी। इसके पश्चात रथ नगर भ्रमण पर निकलेगा। महिलाएं लाल रंग तो पुरुष सफेद रंग के परिधान में रथयात्रा को भव्यता प्रदान करेंगे। उन्होंने बताया कि श्रीठाकुर रामकुमार मंदिर प्रांगण में 29 जून को सुबह 11 बजे से विष्णु सहस्त्रनाम जप-यज्ञ, श्रृंगार एवं महाप्रसाद कार्यक्रम होगा।

धार्मिक आस्था और सामाजिक समरसता का प्रतीक

रथयात्रा प्रभारी बृजेश गुप्ता ने बताया कि भगवान श्रीजगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की रथयात्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि समाज में एकता, भाईचारे और सेवा के मूल्यों को संजोने वाला पर्व है। इस आयोजन में भाग लेकर श्रद्धालु पुण्य अर्जित करते हैं और प्रभु की कृपा प्राप्त करते हैं।

रथ यात्रा का रूट

श्रीजगन्नाथ रथयात्रा गजिया टोला से निकलेगा, जो त्रिमोहानी, बसनही बाजार, घंटाघर, खजांची चौराहा, वासलीगंज, गिरधर चौराहा, पेहटी चौराहा, तुलसी चौक, गुड़हट्टी, पानदरीबा, दक्षिण फाटक, पुरानी अंजही, टेढ़ीनीम, नारघाट से होते हुए पुन: गजिया टोला वापसी होगा। हर रास्ते, हर चौक, हर नुक्कड़ पर भगवान जगन्नाथ की जय जयकार होगी।

क्यों खास है ये यात्रा?

आचार्य पं. रामलाल शास्त्री कहते हैं कि जिन्हें भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचने का सौभाग्य मिलता है, वे सीधे बैकुंठ पहुंचने का पुण्य कमाते हैं। पुराणों में भी यही लिखा है। ये रथयात्रा एक चलती-फिरती तीर्थ है। इसमें शामिल होकर आप खुद को और समाज को जोड़ते हैं। उन्होंने बताया कि यात्रा केवल रथ की नहीं, ये आत्मा की यात्रा है- सेवा, एकता और श्रद्धा की।

मुख्य आकर्षण व विशेष व्यवस्थाएं

– तीन रथ, तीन देव… और हजारों भक्तों की आस्था बनेगा समर्पण का महासागर

– सुबह 6 बजे गजिया टोला से निकलेगा रथ, शाम 4 बजे त्रिमोहानी पर भव्य आरती

– रास्ते में हर मोड़ पर स्वागत, हर चौराहे पर आरती और हर नुक्कड़ पर श्रद्धा

– खजांची चौराहा पर विशेष आरती और पूजन का आयोजन

– रथ के साथ झांकियां, शंख, घंटा, ढोल और भगवा उल्लास

– हर भक्त के लिए पेयजल, प्रसाद, शीतल पेय और विश्राम की व्यवस्था

– हर गली होगी रौशन, हर मंदिर सजेगा और शहर बन जाएगा भक्ति-धाम

– सुरक्षा के लिए स्वयंसेवकों और पुलिस बल की तैनाती, असामाजिक तत्वों पर निगरानी

(Udaipur Kiran) / गिरजा शंकर मिश्रा

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