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मुख्यमंत्री धामी की खिलाड़ियों को दोहरी सौगात: हल्द्वानी में खेल विश्वविद्यालय और 23 खेल अकादमियां होंगी स्थापित

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देहरादून, 30 जून (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड सरकार ने राज्य में खेलों के विकास को नई गति देने के लिए दो बड़े फैसले लिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की है कि हल्द्वानी में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी और प्रदेश के आठ शहरों में 23 खेल अकादमियां खोली जाएंगी। यह घोषणाएं राज्य के खिलाड़ियों को एक सशक्त मंच प्रदान करने की दिशा में की जा रही हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड को खेल भूमि के रूप में भी जाना जा रहा है, यह हमारे लिए सुखद अहसास है। राष्ट्रीय खेलों के भव्य आयोजन के बाद प्रदेश में खेल का बेहतर माहौल है। खिलाड़ियोें का मनोबल ऊंचा है और वे बढ़िया प्रदर्शन कर रहे हैं। खेल-खिलाड़ियों के विकास के लिए बडे़ निर्णय लेने और उन्हें अमली जामा पहनाने का क्रम जारी रहेगा।

राष्ट्रीय खेलों के दौरान देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी समेत जिन आठ शहरों में खेल गतिविधियां संचालित हुईं और आधारभूत ढांचा तैयार हुआ, वहीं पर ये अकादमी खोली जाएंगी। इसके दो फायदे होंगे। एक, खेल के लिए तैयार बुनियादी ढांचे का बेहतर रख-रखाव हो सकेगा। दो, खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए ठोस प्लेटफार्म तैयार हो सकेंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यकाल के चौथे साल में उत्तराखंड ने खेल की दुनिया में ऊंची छलांग लगाई है। राष्ट्रीय खेलों का भव्य आयोजन से उत्तराखंड की खेलों की दुनिया में हैसियत बढ़ गई है। मुख्यमंत्री धामी खेल के शानदार माहौल को अपने कार्यकाल के पांचवें साल में भी बनाए रखने के प्रति गंभीर है। इसी लिए चाहे हल्द्वानी में खेल विश्वविद्यालय का निर्माण हो या फिर आठ शहरों मेें 23 खेल अकादमी खोलने की बात, दोनों विषयों पर पर्याप्त तेजी दिखाई दे रही है। खेल विश्वविद्यालय की तो बकायदा अधिसूचना जारी हो चुकी है। इसी तरह, 23 अकादमी भी सरकार खोलने जा रही हैं। इन दोनों महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को अमली जामा पहनाने के लिए तेजी से काम चल रहा है।

-उत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष में उत्तराखंड की धरती पर 38 वें राष्ट्रीय खेलों का सफल आयोजन धामी सरकार की सबसे बड़ी खेल उपलब्धि रही। भव्य आयोजन हुआ और हमारे खिलाड़ियों ने भी श्रेष्ठ प्रदर्शन किया। गोवा में पिछले राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड ने सिर्फ 24 पदक जीते थे, लेकिन इस बार उसने पदकों का शतक लगाकर तालिका में सातवां स्थान प्राप्त किया। इस आयोजन से खेल सुविधाओं का विस्तार हुआ और ऐसा आधारभूत ढांचा उपलब्ध हो गया, जो कि खेल के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा।

नई खेल नीति:

-वर्ष 2021 में घोषित नई खेल नीति में खिलाड़ियों के प्रोत्साहन पर खास फोकस किया गया। ओलंपिक के पदक विजेताओं के लिए एक से लेकर दो करोड़ तक की प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था की गई है। अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्पर्धाओं में पदक लाने वाले खिलाड़ियोें को सरकारी नौकरी दी जा रही है। खिलाड़ियों की प्रोत्साहन राशि दुगना हुई है और छात्रवृत्ति भी दी जा रही है। इस नीति की यह भी आकर्षक बात है कि बड़ी स्पर्धाओं में भाग लेने मात्र से खिलाड़ी प्रोत्साहन राशि का हकदार हो जा रहा है। फिर चाहे उसे पदक मिले या ना मिले।

(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार

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