-सीमा क्षेत्रों पर चौकसी बढ़ी, भारत-नेपाल सीमा के प्रवेश द्वारों पर विशेष निगरानी अभियान
-आठ सदस्यी विशेष क्विक रिस्पॉन्स टीम का गठन
-स्वास्थ्य विभाग ने टोल फ्री हेल्पलाइन नम्बर भी किया जारी
देहरादून, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड की देवभूमि अब नकली, अधोमानक और नशीली दवाओं के विरुद्ध निर्णायक लड़ाई के मोर्चे पर है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देश पर प्रदेशभर में राज्यव्यापी महाअभियान की शुरुआत हो चुकी है। इस अभियान का उद्देश्य प्रदेश को नशा मुक्त उत्तराखंड बनाना और जनता को सुरक्षित, गुणवत्तापूर्ण एवं प्रमाणिक औषधियां उपलब्ध कराना है।
राज्य के फार्मा सेक्टर में व्याप्त विसंगतियों को समाप्त करने और युवा पीढ़ी को मादक औषधियों के दुष्प्रभाव से बचाने के उद्देश्य से यह कार्यवाही की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से संचालित यह महाअभियान औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 और नियम 1945 के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि यह केवल औषधि नियंत्रण नहीं, बल्कि जन स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा की दिशा में एक ठोस पहल है। इस अभियान में लापरवाही के लिए कोई स्थान नहीं है।
स्प्यूरियस दवा माफिया पर सख्त नजर
इस अभियान के तहत प्रदेशभर में स्प्यूरियस दवा माफिया के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जा रही है। नकली, अधोमानक, मिसब्रांडेड और मादक औषधियों का निर्माण, भंडारण और विक्रय करने वालों पर निगरानी, औषधि निर्माता फर्मों, थोक विक्रेताओं, फुटकर विक्रेताओं एवं कच्चा माल आपूर्तिकर्ता फर्मों की विस्तृत जाँच, स्थानीय पुलिस और प्रशासन के सहयोग से संयुक्त छापेमारी की जायेगी। स्वास्थ्य सचिव ने कहा इस अभियान का स्पष्ट संदेश है कि जो भी व्यक्ति या संस्था नकली या नशीली औषधियों के व्यापार में लिप्त पाए जाएंगे, उनके विरुद्ध कठोर विधिक कार्रवाई की जाएगी।
क्यूआरटी अभियान की अग्रिम पंक्ति में
स्वास्थ्य सचिव डॉ.आर.राजेश कुमार ने बताया कि राज्य सरकार ने इस कार्यवाही के लिए विशेष क्विक रिस्पॉन्स टीम (क्यूआरटी) गठित की है,जिसका नेतृत्व सहायक औषधि नियंत्रक, कुमाऊं मंडल हेमंत सिंह कर रहे हैं। टीम में डॉ. सुधीर कुमार सहायक औषधि नियंत्रक मुख्यालय, नीरज कुमार वरिष्ठ औषधि निरीक्षक मुख्यालय, मीनाक्षी बिष्ट वरिष्ठ औषधि निरीक्षक नैनीताल, सीपी नेगी वरिष्ठ औषधि निरीक्षक टिहरी, अनिता भारती वरिष्ठ औषधि निरीक्षक हरिद्वार, मानवेन्द्र सिंह राणा औषधि निरीक्षक देहरादून, निशा रावत औषधि निरीक्षक मुख्यालय, गौरी कुकरेती औषधि निरीक्षक मुख्यालय शामिल हैं। यह टीम प्रदेश भर में छापेमारी व सघन निगरानी अभियान चलाएगी।
डॉ.आर.राजेश कुमार ने बताया क्यूआरटी को विश्लेषणशाला की रिपोर्ट,जिला प्रशासन से प्राप्त सूचना और टोल फ्री हेल्पलाइन से मिली जानकारियों पर तत्काल कार्रवाई का अधिकार प्राप्त है।
सचिव ने बताया प्रदेश के सभी जिलों को औषधि निरीक्षण कार्य हेतु दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। श्रेणी-1 जिले-देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, उधमसिंह नगर, पौड़ीश्रेणी-2 जिले-अल्मोड़ा,रुद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी, चंपावत आदि है। प्रत्येक जिले में निरीक्षण और सैंपलिंग की प्रक्रिया साप्ताहिक रिपोर्टिंग के साथ चलाई जा रही है। भारत नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा, प्रवेश द्वारों धारचूला, झूलाघाट, टनकपुर, बनबसा, खटीमा के साथ ही राज्य की सीमाओं पर विशेष निगरानी लगाई गई है।
नमूनों की वैज्ञानिक जांच और सशक्त विश्लेषण प्रणाली
राज्य की औषधि विश्लेषणशालाओं को आधुनिक संसाधनों और प्रशिक्षित मानवबल से सुसज्जित किया गया है। प्रत्येक सप्ताह जिलों से प्राप्त संदिग्ध औषधियों के नमूनों की प्राथमिकता के आधार पर जांच की जा रही है। हमारा लक्ष्य है कि एक भी नकली दवा उपभोक्ता तक न पहुंचे। हर रिपोर्ट पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
जन जागरूकता और भागीदारी
अभियान का दूसरा पहलू जन जागरूकता है। राज्य में विभिन्न माध्यमों से नशा विरोधी अभियान चलाया जा रहा है विद्यालयों में नशा मुक्ति शिक्षा,मेडिकल स्टोर्स पर औषधियों की वैधता की जांच, रेडियो, टीवी, सोशल मीडिया व पोस्टर अभियानों के माध्यम से प्रचार, एनजीओ व स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सक्रिय सहभागिता, सुनिश्चित की जाएगी।
(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार
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