नई दिल्ली, 01 जुलाई (Udaipur Kiran) । सकल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व संग्रह जून में 6.2 फीसदी बढ़कर 1.84 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। पिछले साल इसी अवधि में यह 1,73,813 करोड़ रुपये था। हालांकि, जीएसटी संग्रह पिछले महीने मई में 2.01 लाख करोड़ रुपये रहा था। जीएसटी संग्रह में यह वृद्धि स्थिर आर्थिक गति का संकेत देती है।
जीएसटी महानिदेशालय ने मंगलवार को जारी आंकड़ों में बताया कि घरेलू लेन-देन से सकल राजस्व संग्रह जून में 4.6 फीसदी बढ़कर करीब 1.38 लाख करोड़ रुपये रहा है, जबकि आयात से जीएसटी राजस्व 11.4 फीसदी बढ़कर 45,690 करोड़ रुपये रहा। इस दौरान सकल केंद्रीय जीएसटी राजस्व जून में 34,558 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी राजस्व 43,268 करोड़ रुपये और एकीकृत जीएसटी राजस्व करीब 93,280 लाख करोड़ रुपये रहा। वहीं, उपकर से राजस्व 13,491 करोड़ रुपये रहा। इस बीच जून में कुल ‘रिफंड’ 28.4 फीसदी बढ़कर 25,491 करोड़ रुपये हो गया।
जीएसटी महानिदेशालय के आंकड़ों के मुताबिक जारी किए गए रिफंड को शामिल करने के बाद जून महीने में शुद्ध जीएसटी राजस्व संग्रह सालाना आधार पर 3.3 फीसदी बढ़कर 1.59 लाख करोड़ रुपये हो गया। पिछले महीने की तुलना में शुद्ध जीएसटी राजस्व संग्रह भी अधिक रहा है, जो मई माह में 1.53 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया था। इस वर्ष अप्रैल महीने में जीएसटी राजस्व संग्रह 2.37 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था।
देश में जीएसटी 1 जुलाई, 2017 को लागू हुआ था, जिसने देश की कर प्रणाली को पूरी तरह बदल दिया। वित्त वर्ष 2024-25 में जीएसटी कलेक्शन रिकॉर्ड 22.08 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 9.4 फीसदी की वृद्धि है। जीएसटी ने करीब 17 स्थानीय करों और 13 उपकरों को पांच स्तरीय ढांचे में समाहित कर दिया है, जिससे कर व्यवस्था सरल हो गई।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
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