दोस्तों, सुबह की पहली चाय या कॉफी का स्वाद तो कमाल का होता है ना? लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये छोटी-सी आदत आपके पेट को चुपके से नुकसान पहुंचा रही हो सकती है? जी हां, गलत समय पर चाय-कॉफी पीने से एसिडिटी, हार्टबर्न जैसी परेशानियां हो जाती हैं। लाखों लोग रोजाना ये गलती करते हैं, लेकिन चिंता मत कीजिए! आज हम बताने जा रहे हैं सही तरीके से चाय-कॉफी एंजॉय करने का राज – टाइमिंग, साथ में क्या खाएं और कितनी मात्रा ठीक रहेगी। ये टिप्स अपनाएं तो पेट हमेशा खुश रहेगा!
सही टाइमिंग: खाली पेट पर न छेड़ें भाई!सुबह उठते ही बेड से निकलकर सीधे चाय या कॉफी का कप थाम लेना – ये आदत सुधार लीजिए! एक्सपर्ट्स कहते हैं कि खाली पेट पर कैफीन वाला ड्रिंक पीने से पेट में एसिड बढ़ जाता है, जो हार्टबर्न या अपच का कारण बनता है। कॉफी तो खासतौर पर खतरनाक है, क्योंकि ये स्ट्रेस हार्मोन को भी ट्रिगर कर देती है।
तो फिर कब पिएं? कॉफी के लिए बेस्ट टाइम है मिड-मॉर्निंग, यानी सुबह 9:30 से 11 बजे के बीच। इस वक्त बॉडी का नेचुरल रिदम आपके साथ होता है, तो एनर्जी बूस्ट मिलेगा बिना किसी साइड इफेक्ट के। चाय के मामले में, मील्स के बीच में पिएं – जैसे मिड-मॉर्निंग या आफ्टरनून में, कम से कम एक घंटा खाने के बाद। अगर डिनर के तुरंत बाद चाय लेते हैं, तो रात भर नींद उड़ सकती है। और हां, अगर एसिडिटी की पुरानी प्रॉब्लम है, तो जिंजर टी को मील से पहले ट्राई करें – ये डाइजेशन को बूस्ट करेगी और हार्टबर्न से बचाएगी। याद रखें, रात 2 बजे के बाद कोई भी कैफीन न लें, वरना नींद का क्या हाल होगा!
साथ में क्या खाएं: बफर बनाकर पिएं, एसिडिटी भगाएं!चाय-कॉफी का मजा तो तब है जब वो अकेले न पिएं, बल्कि कुछ हेल्दी स्नैक के साथ हो। खाली पेट पर ये ड्रिंक्स एसिड प्रोडक्शन को बढ़ा देते हैं, लेकिन ब्रेकफास्ट या स्नैक के साथ लें तो पेट को प्रोटेक्शन मिल जाता है। उदाहरण के तौर पर, कॉफी में थोड़ा क्रीम या लो-फैट मिल्क ऐड करें – ये एसिड को न्यूट्रलाइज कर देगा।
चाय के साथ बिस्किट या टोस्ट न लें, बल्कि हाई-फाइबर चीजें चुनें जैसे बनाना, सलाद ग्रीन्स या दही। बनाना तो एसिड रिफ्लक्स का नेचुरल दुश्मन है, ये पेट की लाइनिंग को शील्ड करता है। अगर कॉफी पसंद है, तो उसके साथ स्मूदी या नॉन-एसिडिक फ्रूट जूस पेयर करें। जिंजर या कैमोमाइल टी को शहद के साथ मिलाकर पिएं, ये न सिर्फ टेस्टी बनेगा बल्कि डाइजेशन भी सुधार देगा। छोटी-छोटी मील्स लें और ट्रिगर्स से बचें – जैसे मसालेदार खाना चाय के साथ न मिलाएं। इस तरह, आपका पेट खुश रहेगा और एनर्जी लेवल हमेशा हाई!
कितनी मात्रा ठीक है: ज्यादा मत हो जाना भाई!अब सवाल ये कि रोजाना कितनी चाय-कॉफी ठीक रहेगी? ज्यादा कैफीन लेने से नींद, हार्ट प्रॉब्लम्स या डिहाइड्रेशन हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ज्यादातर एडल्ट्स के लिए 400 मिलीग्राम कैफीन प्रति दिन सेफ है। यानी 2-3 कप कॉफी (हर कप में करीब 100-150 एमजी कैफीन) या 4-5 कप चाय (हर कप में 30-50 एमजी)।
अगर आप हेल्दी रहना चाहते हैं, तो 2-5 कप के बीच रखें – इससे हार्ट हेल्थ, स्ट्रोक रिस्क कम करने जैसे फायदे मिलेंगे। प्रेग्नेंट महिलाएं या कैफीन सेंसिटिव लोग 200 एमजी तक ही लें। याद रखें, क्वालिटी पर फोकस करें – अच्छी क्वालिटी की चाय-कॉफी चुनें, ज्यादा चीनी न डालें। इस लिमिट में रहें तो चाय-कॉफी आपकी दोस्त बनेगी, दुश्मन नहीं!
तो दोस्तों, आज से ही अपनी चाय-कॉफी की आदत चेक करें। सही टाइमिंग, स्मार्ट स्नैकिंग और मॉडरेशन – बस इतना ही तो चाहिए पेट को खुश रखने के लिए। ट्राई करें और फर्क महसूस करें!
You may also like
RPSC: कृषि विभाग भर्ती परीक्षाओं की तारीख में हुआ बदलाव, जान ले नई तारीखें
मौसम विभाग के अनुसार राजस्थान में मानसून की विदाई की आहट, पूर्वी जिलों में येलो अलर्ट जारी
इस दिवाली केंद्रीय कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले! डबल तोहफे में DA हाइक और 8वां वेतन आयोग
अमीषा पटेल का स्टारकिड्स पर तीखा वार: “मैं न सिगरेट पीती हूं, न शराब”, क्यों नहीं चलती आज की फिल्में
इस कचोड़ी वाले दद्दू को` देश कर रहा नमन साइकिल पर फर्राटेदार अंग्रेजी बोल बेचते हैं टैस्टी कचोड़ी