जम्मू-कश्मीर का पहलगाम, जो अपनी खूबसूरती और शांति के लिए पर्यटकों का पसंदीदा ठिकाना रहा है, एक बार फिर आतंकी हिंसा की आग में झुलस गया है। हाल ही में हुए एक दिल दहलाने वाले आतंकी हमले ने पूरे देश को सदमे में डाल दिया है। इस कायराना हमले में 30 मासूम लोगों की जान चली गई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह घटना न केवल कश्मीर की शांति को चुनौती देती है, बल्कि देश की एकता और अखंडता पर भी गहरा प्रहार करती है।
आतंक का क्रूर चेहरा
पहलगाम में हुए इस हमले ने आतंकवाद के क्रूर चेहरे को एक बार फिर उजागर किया है। आतंकियों ने बिना किसी दया के मासूम पर्यटकों को निशाना बनाया, जिससे घाटी में दहशत का माहौल बन गया है। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बलों ने तुरंत कार्रवाई शुरू की, लेकिन इस घटना ने पर्यटन उद्योग और स्थानीय लोगों के मन में डर पैदा कर दिया है। पहलगाम, जो कभी शांति का प्रतीक था, अब खूनखराबे की तस्वीरों से दुनिया भर में चर्चा में है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रतिक्रिया
इस दुखद घटना पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने कड़ा रुख अपनाया है। संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी संवेदनाएँ व्यक्त की हैं। उन्होंने इस हमले को “निंदनीय और दिल दहलाने वाला” करार देते हुए मृतकों को श्रद्धांजलि दी और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। होसबाले ने अपने बयान में कहा कि यह हमला सिर्फ मासूमों की हत्या नहीं, बल्कि देश की एकता और अखंडता पर सीधा प्रहार है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों और संगठनों से मतभेद भुलाकर इस हमले की एकजुट होकर निंदा करने की अपील की।
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