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मंतशा की हत्या के बाद अब परिवार पर खतरा, डीजीपी से मदद की पुकार

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यामीन विकट, ठाकुरद्वारा। ठाकुरद्वारा के मुंडो कॉलोनी में बीती 21 जुलाई को हुई नवविवाहिता मंतशा की दहेज हत्या के मामले ने अब एक नया और डरावना मोड़ ले लिया है। मृतका मंतशा के पिता और इस मामले के वादी इरशाद अली ने डीजीपी को पत्र लिखकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके मुताबिक, मंतशा के ससुर हाजी रईस और जेठ शरीफ अहमद, जो इस हत्याकांड में फरार हैं, उन्हें और उनके परिवार को जान से मारने की धमकियां दे रहे हैं। यह खुलासा इस मामले को और भी सनसनीखेज बना रहा है।

फरार आरोपी बना रहे समझौते का दबाव

इरशाद अली ने बताया कि हाजी रईस और शरीफ अहमद न केवल खुलेआम घूम रहे हैं, बल्कि उन पर मुकदमे में समझौता करने का दबाव भी डाल रहे हैं। इरशाद का कहना है कि ये दोनों आरोपी उनके परिवार को डरा-धमकाकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश में हैं। बता दें कि इस हत्याकांड में मंतशा के पति उमर फारुख और सास अनीसा हज्जन को पहले ही जेल भेजा जा चुका है, लेकिन हाजी रईस और शरीफ अहमद अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।

पैसे के दम पर बचने की कोशिश?

मृतका के पिता इरशाद अली ने यह भी आरोप लगाया कि हाजी रईस और शरीफ अहमद अपने पैसे और रसूख का इस्तेमाल करके मुकदमे से अपना नाम हटवाने की जुगत में हैं। लेकिन इरशाद का कहना है कि उन्हें पुलिस के उच्च अधिकारियों और कोर्ट पर पूरा भरोसा है। वे दृढ़ हैं कि उनकी बेटी के हत्यारों को सजा जरूर मिलेगी। इरशाद ने डीजीपी से इस मामले में तुरंत कार्रवाई करने और उनकी जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करने की गुहार लगाई है।

इंसाफ की आस में परिवार

मंतशा का परिवार इस दुखद घटना के बाद से सदमे में है, लेकिन इरशाद अली का हौसला अभी भी बरकरार है। वे कहते हैं, “मेरी बेटी को इंसाफ मिलेगा, चाहे इसके लिए मुझे कितना भी इंतजार करना पड़े।” इस मामले ने स्थानीय लोगों में भी गुस्सा और चिंता पैदा की है, क्योंकि फरार आरोपियों की धमकियां इंसाफ की राह में बड़ी बाधा बन रही हैं। अब सबकी नजरें पुलिस और कोर्ट के अगले कदम पर टिकी हैं।

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