अभी भी है ग्रहों की अशुभ स्थिति बनी हुई, क्या होगा आगे?
14 मई को सूर्यदेव मेष से निकलकर वृषभ में गोचर करेंगे। इसेक बाद 15 मई को बृहस्पति ग्रह वृषभ से निकलकर मिथुन राशि में अतिचारी गोचर करेंगे जो कि अशुभ माना जा रहा है। दूसरी ओर 18 मई को राहु का मीन से निकलकर कुंभ में गोचर और केतु का कन्या से निकलकर सिंह में गोचर होगा। इस राशि परिवर्तन के चलते भारतीय उपमहाद्वीप में कुछ बड़ी घटना होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। कुछ ज्योतिषियों का मानना है कि संभवत: भारत पाकिस्तान के बीच जो सीजफायर की स्थिति है वह भविष्य में लघु युद्ध में बदल सकती है या यह भी हो सकता है कि कोई बड़ी प्राकृतिक आपदा आ सकती है।
वर्तमान में शनि और राहु ने मीन में पिशाच योग बना रखा है जो 18 मई तक रहेगा। 18 मई से 7 जून तक मंगल और राहु का षडाष्टक योग रहेगा इसके बाद शनि और मंगल का षडाष्टक योग बनेगा जो लंबे समय तक रहेगा। फिलहाल की स्थिति भारत के पक्ष में 7 जून तक रहेगी। इसके बाद भारत का समय अच्छा नहीं माना जा रहा है। फिर जून 2026 में भारत को फिर से युद्ध में जाना पड़ेगा।
यदि एक चंद्र मास में 5 शनिवार, 5 रविवार या 5 मंगलवार आ जाए तो खप्पर योग बनता है। 15 मार्च से 11 जून तक खप्पर योग बन रहा है। इसके बाद 11 जुलाई से लेकर 7 अक्टूबर तक खप्पर योग बना रहेगा। इसको लेकर कुछ ज्योतिषियों का विश्लेषण है कि 14 मई से लेकर 14 जून के बीच का समय भारत के लिए खराब है। हालांकि कुछ अन्य ज्योतिषियों के अनुसार जून से लेकर अक्टूबर का समय विचित्र हो सकता है, जिसमें होने वाली घटनाओं से दुनिया को हैरानी हो सकती है। इसमें प्राकृतिक आपदाओं, महामारी, युद्ध और दंगों के कारण देश को बड़ी आर्थिक और जनहानि का सामना करना पड़ सकता है।
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