उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण की लागत पर सवाल उठाते हुए कहा, कल तक हम अखबारों में खोजते थे कि कितने हजार करोड़ रुपए में राजमार्ग बना है। लेकिन मैं धन्यवाद देना चाहता हूं कि आज सभी अखबारों ने बताया है कि राजमार्ग सात हजार करोड़ रुपए में बना है और इसे कब बनना चाहिए था? अगर किसानों का मुआवजा दो हजार करोड़ रुपए है, तो पांच हजार करोड़ रुपए (बचे हुए) हैं। अगर हम पांच हजार करोड़ रुपए को 91 किलोमीटर सड़क (लंबाई) से विभाजित करते हैं, तो इसकी लागत 50 करोड़ रुपए प्रति किलोमीटर से अधिक होगी, और वह भी चार-लेन।
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उन्होंने कहा कि यह 4 लेन राजमार्ग है, एक्सप्रेसवे नहीं। यादव ने कहा, हमारे मुख्यमंत्री को 4 लेन राजमार्ग और एक्सप्रेसवे के बीच का अंतर नहीं पता है। यह सड़क भारतीय सड़क कांग्रेस के मानकों के अनुसार नहीं बनाई गई है। और, जिसने भी मानकों के साथ खिलवाड़ किया है, क्या यह सरकार ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कभी कार्रवाई करेगी।
डी कंपनी पर एक सवाल के जवाब में सपा प्रमुख ने कहा, डी कंपनी क्या है, यह बताइए। आप किस डी कंपनी का जिक्र कर रहे हैं? मैं आपको बता रहा हूं कि डी कंपनी क्या है, यह एक विकास कंपनी है। उन्होंने कहा, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे किसी नेता ने नहीं मांगा था। जब आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे बना था, उस समय नेताजी (मुलायम सिंह यादव) की बदौलत, जिन्हें आजमगढ़ ने (अपने लोकसभा सांसद के रूप में) चुना था, मैंने इसकी घोषणा की थी, शिलान्यास किया था और भूमि अधिग्रहण किया था।
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यादव ने यह भी कहा कि यदि सपा सत्ता में आती है, तो हम आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की तुलना में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर बेहतर काम करेंगे, ताकि यह बेहतर दिखे। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour
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